You do not need to dress up in an airbag balloon or some sort of a space suit. You don’t need to be looking like a mad…
पटना: सही कहां गया है प्यार की कोई भाषा नहीं होती है, न ही उसकी कोई धर्म होती है और न ही कोई उसकी जाती। प्यार एक…
अपने और माता-पिता के सपनों को तो लगभग हर इंसान साकार करने की इच्छा रखता है। यह अच्छा भी है लेकिन ऐसे लोग बहुत कम होते हैं…
बीते 26 दिसम्बर को दरभंगा के बहेड़ी में रंगदारी की मांग को लेकर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के दो इंजीनियरों की हत्या मामले में फरार चल रहे संतोष…
पटना: मुंबई के मरीन ड्राईव और लंदन के टेम्स पाथ की तर्ज पर पटना के गंगा घाटों को भी जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना पर तेजी से काम चल रही…
बिहारियों में जी तोड़ मेहनत करने की क्षमता होती है ये बात पहले से प्रमाणित है, बिहार के युवा हर क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय पटल पर बिहार का डंका बजे रहे हैं चाहे वो ज्ञान का क्षेत्र, विज्ञान का क्षेत्र हो, खेल का क्षेत्र हो या कला का, बिहारी सब जगह आगे आ रहे हैं। नामचीन ब्लॉग और डिजिटल न्यूजपेपर ने हाल ही में दुनिया के सौ सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमियों की सूचि जारी की है जिसमे बिहार के राजधानी पटना के निवासी और सामाजिक संस्था डेक्सटीरिटी ग्लोबल के संस्थापक शरद सागर को तीसरे स्थान पर शामिल किया है, बिहार सहित पुरे देश के लिए ये गौरव की बात है। शरद अपनी इस उपलब्धि समस्त देशवासियों को समर्पित किये हैं। शरद सागर को इससे पहले जनवरी में विश्व की सर्वश्रेष्ठ पत्रिकाओ में एक फ़ोर्ब्स में भी जगह मिल चुकी है। 24 वर्षीय शरद सागर अपने संस्थान डेक्सटीरिटी ग्लोबल के माध्यम से नेक्स्ट जनरेशन को अंतराष्ट्रीय स्तर से जोड़ना चाहते हैं। शरद चाहते हैं की शिक्षा का लोकतांत्रीकरण हो। डेक्सटीरिटी शिक्षा में लोकतांत्रीकरण को बढ़ावा देता है। शरद सागर का एक स्पेशल प्रोग्राम बिहार के बच्चों के लिए चलाया जा रहा है जिसका नाम है डेक्सटीरिटी टू कॉलेज, इसके माध्यम से इनकी संस्था बिहार के प्रतिभावान बच्चों को स्कॉलरशिप देती है ताकि वो बेहतर कर सके। शरद का कहना है की देश सिर्फ एक रामेश्वरम् की कलाम को जानता है जबकि बिहार के हर गांवों में एक कलाम बैठा है वो देश का अगला जरूर बन सकता है अगर उसे भी सारी जरूरी जानकारी और सुविधा उपलब्ध कराई जाये तो। शरद कहते हैं की हमने विश्व को अनेकों उपहार दिए हैं चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो या राजनीति का, फिर आज का बिहार क्यों पीछे रहेगा, वो बिहार को अंतराष्ट्रीय पटल पर लाने की बात करते हैं क्योकि उनका मानना है की अगर बिहार आगे आता है तो देश आगे आएगा और अगर देश आगे आता है तो समस्त संसार आगे आएगा।
ये कहानी है एक मामूली से मजदूर दशरथ मांझी की जिसने सिर्फ दो हाथों से उस पहाड़ का सीना चीर कर रख दिया जो उसकी मोहब्बत की…
मोतिहारी: मोतिहारी शहर से 10 किलोमीटर दूर तुरकौलिया का मझार गांव. यहां की रहनेवाले जीतेंद्र सिंह के यहां चहल-पहल है. घर में मंडप लगा है. बेटी किरण, जो…
Of course "better" is subjective, but I will say this. There was more freedom, and risk involved in music making from around 1978 up to at least…
It’s kind of confusing because I’m a bigger girl, Dalbesio says. I’m not the biggest girl on the market but I’m definitely bigger than all the girls…
This article is going to be a bit different than some of the others on our site. Well, it's probably going to be a bit different than…
Though it’s been around for more than 100 years, music therapy as a distinct discipline has recently been cast in the spotlight for the role it played…
बिहार के युवा हर जगह अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं और बिहार का नाम देश के साथ-साथ विदेश में भी रौशन कर रहे हैं. एक बार फिर…
पटना: बिहार की मिट्टी ने अपनी प्रतिभा का लोहा दुनिया भर में मनवाया है। अपनी प्रतिभा की चमक वे दुनिया भर में विखेर रहें है और बिहार एवं…
खुद को बड़ा सौभाग्यशाली समझता हूँ कि मुझे सुप्रसिद्ध लंगट सिंह कॉलेज का छात्र बनने का अवसर मिला। एक छोटे से गाँव से इस ऐतिहासिक कॉलेज में…
It might appear impossible, but many consumers succeed in living their entire lives without any debt. People of a variety of ages and income levels have made…