प्रधानमंत्री मोदी ने मानी सीएम नीतीश कुमार की बात, बिहार में बाढ़ की स्थिति के अध्ययन के लिए पहुंची टीम
केंद्र सरकार ने बिहार के गंगा में गाद (सिल्ट) का अध्ययन करने के लिए चार सदस्यीय एक टीम बिहार भेजी है। यह टीम बक्सर से लेकर फरक्का तक गंगा में जमे गाद और उससे बिहार में उत्पन्न बाढ़ की स्थिति का अध्ययन कर 10 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। केंद्रीय जल आयोग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के सदस्य एके सिन्हा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम गुरुवार को बिहार पहुंच गई है। इस समिति में पटना स्थित केंद्रीय जल आयोग के मुख्य अभियंता एस. के साहु, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के प्रोफेसर एके. के गोसाईं और केंद्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण के सलाहकार रजनीश रंजन शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। उस दौरान नीतीश ने कहा था कि बाढ़ त्रासदी गंगा में गाद की वजह से है। इसके लिए एक निष्पक्ष विशेषज्ञों की टीम बिहार भेजी जाए जो इसका अध्ययन कर रिपोर्ट सौंपे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि बिहार में गंगा में आई बाढ़ का मुख्य कारण फरक्का बैराज है, जिस कारण गंगा में अधिक सिल्ट जमा हो रही है।
बिहार में सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में लगातार गिरावट जारी है। कई बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाढ़ का पानी भी उतर रहा है। राज्य में गंगा सहित अन्य नदियों में हाल में आई बाढ़ से पिछले 24 घंटे के दौरान दो लोगों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या 72 तक पहुंच गई। हाल में आई बाढ़ से 12 जिलों के 2,029 गांवों की 37.70 लाख आबादी प्रभावित है।
राज्य आपदा विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में बाढ़ से दो लोगों की मौत हो गई है, जिससे बाढ़ में मरने वालों की संख्या 72 हो गई है। इनमें भोजपुर जिले में 21, समस्तीपुर में 12, बेगूसराय में 11, वैशाली में सात, खगडिय़ा में छह, सारण में पांच, लखीसराय में पांच, भागलपुर में दो और पटना, बक्सर तथा मुंगेर जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक करीब 7.23 लाख लोगों को बाढग़्रस्त इलाकों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है, जिनमें से करीब 3.99 लाख लोगों को 662 बाढ़ राहत शिविरों में रखा गया है। बाढ़ से करीब 3.70 लाख मवेशी भी प्रभावित हुए हैं। मवेशियों के लिए भी 204 शिविर स्थापित किए गए हैं।
इधर, पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, गुरुवार को गंगा नदी पटना के हाथीदह, भागलपुर तथा कहलगांव में और बूढ़ी गंडक नदी खगडिय़ा में खतरे के निशान से उपर बह रही है। प्रदेश की शेष सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं।
वर्तमान समय में भागलपुर, खगडिय़ा और कटिहार जिले बाढ़ से अधिक प्रभावित बताए जाते हैं। बिहार में गंगा नदी के उफान पर होने के कारण बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगडिय़ा, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार जिलों में अब भी कमोबेश बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि इस मौसम में दो चरणों में अब तक आई बाढ़ से राज्य के कुल 24 जिलों की 72.30 लाख आबादी प्रभावित हुई है।