मुख्यमंत्री आवास में भी कोरोना की दस्तक, फिर भी कोरोना टेस्टिंग में बिहार सबसे पीछे

बिहार में कोरोना ने राज्य के मुख्यमंत्री आवास तक अपनी दस्तक दे दी है| मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भतीजी कोरोना पॉजिटिव मिली हैं| उनका इलाज पटना के एम्स में चल रहा है| इस सब के बावजूद राज्य कोरोना टेस्टिंग के मामले में देश के अधिकतर राज्यों से पीछे है| निति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत द्वारा साझा आंकड़ों के अनुसार, बिहार में देश के 19 प्रमुख राज्यों में प्रति मिलियन सबसे कम कोविड -19 परीक्षण दर है।

आंकड़ों के अनुसार, बिहार प्रति मिलियन मात्र 2,197 टेस्ट कर रहा है, जो कि दिल्ली में किए गए प्रति मिलियन टेस्ट से लगभग 15 गुना कम है, जो चार्ट में सबसे ऊपर है। यहां तक ​​कि पड़ोसी राज्य झारखंड भी 4,416 प्रति मिलियन की टेस्टिंग दर के साथ बिहार की तुलना में दोगुना परीक्षण कर रहा है।

कांत ने 19 प्रमुख राज्यों में किए जा रहे परीक्षणों का आंकड़ा साझा किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, “दिल्ली में अब होने वाले प्रति मिलियन टेस्टिंग का अन्य राज्यों द्वारा अनुकरण किया जाना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है। टेस्टिंग पर राज्यों को आंका जाना चाहिए। हम टेस्टिंग, ट्रेसिंग और त्रीटिंग की 3T रणनीति के साथ केवल # कोविद -19 के खिलाफ सफल हो सकते हैं। यह कार्य करने और तेजी से कार्य करने का क्षण है।

बिहार में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 12 हजार को पार कर गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार सुबह जारी अपडेट के मुताबिक, बिहार में कुल मरीजों की संख्या 12 हजार 125 है, जिसमें 97 लोगों की मौत हो चुकी है| कोरोना से अब तक 8997 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि एक्टिव केस की संख्या 3031 है|

वहीं मुख्यमंत्री आवास में कोरोना का मामला आने के बाद हरकंप मच गया है| ज्ञात हो कि सीएम नीतीश कुमार की भतीजी भी सीएम आवास में ही रहती हैं| सोमवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इसके बाद उन्हें पटना के एम्स में भर्ती कराया गया था| पूरे सीएम आवास को सैनिटाइज किया गया था और परिवार के बाकी सदस्यों को होम क्वारनटीन कर दिया गया था|

हालांकि, सीएम नीतीश कुमार होम क्वारनटीन हैं या नहीं? इसकी सूचना नहीं है| सीएम नीतीश कुमार ने चार जुलाई को ही अपना कोरोना टेस्ट कराया था, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी|

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