बिहार में अवसरों की कमी और उसके तलाश में लोगों के दूसरे राज्य में पलायन करने की समस्या तो दशकों थी मगर कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में यह समस्या मुख्यधारा में आ गयी| बिहार चुनाव से ठीक पहले राज्य का चुनावी मुद्दा बदल गया| जिस राजनीति में जाति और धर्म का बोलवाला था वहां अब अचानक से रोजगार, कारखाने और मजदूरों की बात होने लगी है| जिस ट्विटर पर लोग “पाकिस्तान जाओ” जैसे मुद्दे ट्रेंड करवाते थे, वहां अब युवा #IndustryinBihar जैसे हैशटैग ट्रेंड करवा रहे हैं और क्षेत्र में लोगों से मिलने जा रहे विधायकों से जनता “रोजगार कहाँ है?” जैसे सवाल पूछी रही है|
सरकार जनता से बनती से बनती हैं और जनता जब जागरूक हो जाये तो सरकार पर दबाव बनेगा ही| सरकार ने यह तो घोषणा किया ही है कि बिहार लौटकर आ रहे सभी श्रमिकों को रोजगार तो दिया ही जायेगा इसके साथ बिहार सरकार ने अब बड़े कंपनियों को बिहार में निवेश करने का निमंत्रण भी देना शुरू कर दिया है|
बिहार सरकार ने नेस्ले, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन, जुबलिएंट फूड व पराग मिल्क समेत 24 कंपनियों को राज्य में निवेश करने का प्रस्ताव दिया है| उद्योग मंत्री श्याम रजक ने पत्र पर इन कंपनियों को बिहार में फैक्ट्री लगाने पर होने वाले फायदे को गिनाये हैं|
यह भी पढ़ें: क्या बिहार में टेक्नोलॉजी एजुकेशन और आइटी इंडस्ट्री नहीं फल फूल सकता है?
उन्होंने पत्र में लिखा है कि राज्य का मक्का के उत्पादन में देश में दूसरा स्थान, हनी में चौथा और सब्जी में 7वां स्थान है यानी फूड प्रोसेसिंग के लिए प्रचुर रॉ मेटेरियल्स उपलब्ध है। यही नहीं, राज्य की विकास दर 11.3 फीसदी है और इस विपरीत परिस्थिति में भी 10.5 ग्रोथ रेट बनाए हुए है।
रजक ने कहा है कि आईटीसी जैसी बड़ी कंपनी राज्य के फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में निवेश की है। वहीं फूड प्रोसेसिंग सेक्टर बिहार औद्योगिक नीति-2016 के प्राथमिक सूची में है और औद्योगिक नीति के तहत उद्यमियों के लिए ब्याज सब्सिडी, 30 दिन के अंदर डीम्ड क्लियरेंस और जीएसटी प्रतिपूर्ति जैसी सुविधाएं दी जा रही है। निवेशकों के मदद के लिए निवेश आयुक्त का पद सृजित कर उनकी पोस्टिंग की गई है।
निवेशकों को मिलेगा बड़ा बाज़ार
बिहार सरकार ने निवेशकों को बिहार में निवेश करने से होने वाले फायदे को बताते हुए यह भी कहा कि यहाँ उनको राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रिय बाज़ार भी मिलेगा| बिहार में खुद में एक बड़ा बाज़ार है इसके साथ उत्तर-पूर्व के राज्य, बंगाल, यूपी, झारखंड और ओडिसा को आसानी से उत्पाद भेजे जा सकते हैं। यही नहीं, यहाँ से नेपाल और भूटान और बांग्लादेश भी कम्पनी अपना उत्पाद भेज सकते हैं|
इन 24 कंपनियों को भेजा निमंत्रण
सायजी इंडस्ट्रीज, जीआरएम ओवरसीज, जुबिलेंट फूडवर्क्स, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन कंज्यूमर हेल्थकेयर, बाटा इंडिया, रिलेक्सो फुटवेयर, मिर्जा इंटरनेशनल, खादिम इंडिया, हाइडसाइन, प्रिंसपाइप्स, आस्ट्रल पॉली तकनीक, फाइनोलेक्स इंडस्ट्रीज, जैन इरीग्रेशन, केआरबीएल, एलटी फूड, चमनलाल सेतिया एक्सपोर्ट, नेस्ले इंडिया, हैटसंग एग्रोप्रोडक्ट, टेस्टी बाइट इटेबल, प्रताप स्नैक्स, हिंदुस्तान फूड, हेरिटेज फूड, डीएफएम फूड, पराग मिल्क फूड, आदि|
यह भी पढ़ें: बिहार का मखाना देगा कोरोना से लड़ने की ताकत, केंद्र सरकार करेगी ब्रांडिंग और निर्यात