Opinion: जानिए कैसे मिलेगा लोगों को बिहार में ही रोजगार ?
वापस लौट रहे मजदूरों को रोजगार देने और बिहार के विकास के लिए सरकार को तत्काल न्यूनतम 30000 करोड़ का एक औद्यौगिक विकास और रोजगार सृजन बजट बनाना चाहिए।
वापस लौट रहे मजदूरों को रोजगार देने और बिहार के विकास के लिए सरकार को तत्काल न्यूनतम 30000 करोड़ का एक औद्यौगिक विकास और रोजगार सृजन बजट बनाना चाहिए।
10000 करोड़ असंगठित क्षेत्र में ग्रामीण स्तर पर मुख्यमंत्री रोजगार योजना बनाकर मजदूरों से इंफ्रास्ट्रक्चरल काम करवाना चाहिए। इस बजट से बिहार के 8000 पंचायतों में घर लौटे 20 लाख मजदूरों को अगले पांच महीने तक मजदूरी दी जा सकती है। सरकार चाहे तो इस दरम्यान सभी नदियों, तालाबों का उड़ाहीकरण करवा सकती है। सभी नदियों को जोड़ने का काम करवा सकती है, नहरें खुदवा सकती है, सभी खेतों तक पानी पहुंचाने का प्रबंध कर सकती है, अभी तटबंधों को तुड़वा सकती है। इससे फायदा क्या-क्या होगा की बाढ़ और सुखाड़ की समस्या सदा के लिए ख़तम हो जाएगी, हरेक खेत सिंचित हो पाने की अवस्था में आ जाएगा, भूजलस्तर और जल संरक्षण की चिंता हमेशा के लिए ख़तम हो जाएगी। बिहार बल लिए शोक कही जाने वाली नदियां बिहार के लिए वरदान बन जाएंगी।
बांकी 20000 करोड़ इन कामों में खर्च की जानी चाहिए
– संगठित क्षेत्र, सर्विस सेक्टर, टेक्नोलॉजी आधारित उद्योग, कृषि आधारित उद्योग, कला और भाषा संस्कृति आधारित उद्योग, पर्यटन उद्योग आदि को विकसित करने में लगा सकती है।
– बिहार सरकार को गया, आरा मुज़फ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर आदि पांच से छः जगह इंडस्ट्रीयल जोन बनाना चाहिए। यहां भूमि, सुविधा, सुरक्षा, टैक्स बेनिफिट आदि देकर बाहर से कम्पनियों को आमन्त्रित करना चाहिए।
– गया, दरभंगा आदि जगहों पर एयरपोर्ट की हालत बेहतर करके आइटी पार्क बनाना चाहिए, एमएनसीज आदि को मुफ्त इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधा, टैक्स बेनिफिट देकर लाना चाहिए।
– बिहार में कम से कम तीन जगह स्पेशल एजुकेशन जोन बनाया जाना चाहिए, जहां शैक्षणिक इंस्टीट्यूट्स को सुविधा, बेनिफिट आदि देकर आमन्त्रित करना चाहिए।
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– हरेक धर्म का कोई ना कोई पवित्र स्थान बिहार में अवश्य है, बौद्ध, जैन, सिक्ख, हिंदू, इस्लाम सबका। धार्मिक टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक स्पेशल योजना बनानी चाहिए। ऐतिहासिक टूरिज्म, कला व संस्कृति टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज बनाकर प्राइवेट प्लेयर्स को इनवाइट करना चाहिए।
– बिहार में अधिकाधिक कृषि आधारित उद्योग खुलवाने चाहिए। इसके लिए नए उद्योग लगाने के लिए प्राइवेट को कुछ छूट, मदद भी देनी पड़े तो इजिली दी जाए। पुराने बंद पड़े मिलों और औद्यौगिक संस्थानों को अविलंब पुनर्स्थापित किया जाए।
– बंगाल सरकार से संधि के तहत कोलकाता पोर्ट पर बिहार में मैन्युफैक्चर्ड माल के एक्सपोर्ट सम्बन्धी रियायत ली जाए, भागलपुर से कोलकाता तक के गंगा के उराहीकरण से इंटरनल ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की जाए।
– बिहार में स्वरोजगार, स्टार्टअप्स और छोटे कम्पनीज़ को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार 3000 करोड़ का बजट बनाए। जरूरी पड़ने पर उद्योगों को लोन, आर्थिक मदद, टैक्स बेनिफिट आदि सब दे।
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30000 करोड़ कोई छोटी राशि नहीं है, लेकिन जल जीवन हरियाली जैसे योजना पर 24 हजार करोड़ खर्च कर सकने वाली बिहार सरकार के लिए बहुत बड़ी राशि भी नहीं है। यदि सच में बिहार सरकार ये कर देती है तो अगले पांच सालों में बिहार बिल्कुल ही बदल जाएगा और लैंड ऑफ ऑपरच्युनिटी बनकर उभरेगा।
– आदित्य मोहन