एक तरफ डॉक्टरों को धरती का भगवान का दर्ज़ा दिया जा रहा है| भारतीय सेना हेलीकाप्टर से फूल बरसा कर उन्हें सलामी दे रही है| मगर बिहार के कुछ डॉक्टर अपने जिम्मेदारी से भाग रहे है और ड्यूटी से गायब है|
बिहार के सरकारी अस्पतालों में जब सरकार ने निरक्षण किया तो राज्य भर में 362 डॉक्टर अपने ड्यूटी से गायब मिले| सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है|
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि कटिहार को छोड़कर शेष सभी 37 जिलों में तैनात डॉक्टरों में से 362 अपनी ड्यूटी पर नही पाए गए थे।
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खबर है कि खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 और एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। यह पहला मौका नहीं है जब बिहार में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया हो| बिहार के सरकारी डॉक्टरों पर लोगों का यह भी आरोप रहता है कि वे सरकारी ड्यूटी के जगह अपने प्राइवेट क्लिनिक में मिलते है जहाँ मरीजों से इलाज के बदले मोटी रकम वसूला जाता है| बिहार में यह खेल काफी दिनों से चल रहा है| इस काले धन्धा को जब तक बंद नहीं कराया जायेगा, तब तक बिहार कि स्वस्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं हो सकती है|
डॉक्टर के गायब होने पर खुद बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी नाराजगी जताई है| उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “कोरोना संक्रमण के समय देश जब डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को पहली पंक्ति का योद्धा मान रहा है और उनके लिए सेना पुष्पवर्षा कर रही है, तब बिहार में 362 डाक्टरों का ड्यूटी से गायब रहना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।”
ज्ञात हो कि बिहार सरकार ने कविड-19 महामारी को देखते हुए बिहार में डॉक्टरों कि छुट्टी 31 मई तक रद्द कर दी है|प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक बिहार में कोरोना की वजह से 536 लोग संक्रमित हो गए हैं, वहीं 142 लोग इलाज के बाद ठीक हो गए हैं और 4 लोगों की मौत भी हुई है|
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