बिहार के सबसे पुराना पटना कॉलेज को NAAC ने सी-ग्रेड देकर दिखाया आईना
बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, वर्तमान केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और अश्वनी कुमार चौबे, वर्तमान कुलपति प्रो. रास बिहारी प्रसाद सिंह, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय आदि जिस कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र रहे उसे नैक ने सी ग्रेड दिया है। 156 साल पहले बने राज्य के सबसे पुराने पटना कॉलेज कुल चार सीजीपीए में से ,मात्र 1.62 अंक प्राप्त किए हैं।
इसकी खराब रैंकिंग के पीछे बड़ी वजह शिक्षकों की कमी और शोध कार्य का न होना है| यहां पर्याप्त संख्या में न स्थायी शिक्षक हैं और न ही शिक्षकेतर कर्मचारी| कॉलेज में शिक्षकों के कुल 61 स्वीकृत पद हैं| जबकि कार्यरत सिर्फ 25 शिक्षक हैं| इसमें प्राचार्य प्रो आरएस आर्या समेत तीन शिक्षक प्रोफेसर रैंक में, 13 एसोसिएट प्रोफेसर और नौ असिस्टेंट प्रोफेसर हैं|
एनएएसी के आधुनिक पैमाने पर यह क़ॉलेज कहीं नहीं टिकता| पटना कॉलेज को सी ग्रेड दिया गया है| पटना विश्वविद्यालय में किसी भी कॉलेज को मिली अबतक की यह सबसे खराब ग्रेडिंग है|
नैक टीम की रिपोर्ट के अनुसार पटना कॉलेज में शिक्षकों के रिसर्च वर्क की कमी है और साथ ही कॉलेज प्रशासन रिसर्च के लिए माहौल बनाने में भी पिछड़ गया है| छात्रों और शिक्षकों की भूमिका पर भी नैक टीम ने सवाल उठाए हैं और कॉलेज की प्रगति के लिए इन्हें अधिक प्रयास की जरूरत बताई है|
नैक टीम ने पटना कॉलेज को कुल 1.62 अंक दिए हैं| पटना कॉलेज की ग्रेडिंग में सबसे अधिक अंक टीचिंग-लर्निंग में दिए हैं| इसमें कॉलेज को 2.35 अंक मिले हैं| जबकि करिकुलम में 1.82, इंस्टीट्यूशनल वैल्यूज में 1.67 अंक मिले हैं| कॉलेज को सबसे खराब अंक रिसर्च के मामले में मिले हैं| इसमें नैक टीम ने पटना कॉलेज को सिर्फ 0.4 अंक दिए हैं| विद्यार्थियों के सपोर्ट को लेकर भी नैक टीम ने सिर्फ 0.82 अंक दिए हैं| जबकि कॉलेज प्रबंधन में भी सिर्फ 1.37 अंक ही मिले हैं| पटना कॉलेज को सी ग्रेड में 1.62 अंक मिलने के बाद यह राज्य के सबसे कम अंक वाले आठ कॉलेजों में शामिल हो गया है|
नैक टीम ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि शिक्षकों की कमी के कारण पटना कॉलेज में ग्रेड प्रभावित हो रहा है| पटना कॉलेज में शिक्षकों और विद्यार्थियों का अनुपात 1:67 का है जो तय मानक से खराब है|
साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को मिल रही कम सुविधाओं पर भी नैक टीम ने कॉलेज का कमजोर पक्ष बताया है| कॉलेज प्रशासन को दूसरे संस्थानों के साथ कोलेबोरेशन की भी सलाह टीम ने अपनी रिपोर्ट में दी है| पटना कॉलेज की ग्रेडिंग के लिए 18 अक्टूबर को नैक की टीम आई थी| दो दिनों के दौरे के बाद यह टीम लौटी और अपनी रिपोर्ट में पटना कॉलेज को पटना विश्वविद्यालय का सबसे निम्न स्तर का कॉलेज तय कर दिया|
नामचीन पूर्ववर्ती छात्र किसी काम के नहीं
पीयर टीम कॉलेज के नामचीन पूर्ववर्ती छात्रों की कायल रही। अपनी रिपोर्ट में उसने लिखा है कि देश के चंद कॉलेज ही एलुमिनाई के मामले में पटना कॉलेज के आसपास हैं। लेकिन, कॉलेज को इसका लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। कॉलेज के विकास में एलुमिनाई की भागीदारी बढ़ाने की सलाह दी है। सेवानिवृत्त शिक्षकों द्वारा बगैर किसी राशि के कक्षा लेने को सबसे सशक्त पक्ष माना है। कॉलेज को देश का पुराने कॉलेजों में बताया गया है।