बिहार के राजीव कुमार बने अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के एमडी
जिन लोगों को यह लगता है कि बिहार के लोग सिर्फ सरकारी नौकरी में अच्छा करते हैं, उनकों बिहार के 51 वर्ष के राजीव कुमार के बारे में पढ़ना चाहिए| अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने पांच दिन पहले 10 सितंबर को उन्हें अपना नया एमडी बनाया है।
राजीव कुमार 27 सालों से माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं| उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए अब राजीव को माइक्रोसॉफ्ट हेड बनाया गया है|
इन 27 सालों में राजीव ने अहम पदों पर रहते हुए बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां संभाली हैं| उन्होंने स्मार्टफोन पर एमएस वर्ड, एक्सल, पावर प्वॉइंट समेत पूरा ऑफिस लाकर यूजर को जहां बड़ी राहत दी, वहीं भारत में क्लाउड को फोकस कर नया डेटा सेंटर बनाने में भी बड़ी भूमिका अदा की।
राजीव मूलत: बिहार के भागलपुर के रहने वाले हैं। अपने घरवालों के बीच राजू के नाम से जाने जाने वाले राजीव बड़ी जिम्मेदारी लेने के बाद अपने माता-पिता से आशीष लेने भागलपुर में शंकर टॉकिज स्थित अपने घर पहुंचे| मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजीव ने बताया कि जब उनकी मास्टर डिग्री पूरी हुई थी तो उन्हें दो बड़ी कंपनियों में कैम्पस प्लेसमेंट के जरिए काम करने का मौका मिला था|
कैम्पस प्लेसमेंट के दौरान एक ऑयल कंपनी राजीव को 59 हजार डॉलर ऑफर कर रही थी, तो वहीं माइक्रोसॉफ्ट ने उन्हें 28 हजार डॉलर का ऑफर दिया था, पर राजीव ने दोगुना सैलरी का ऑफर ठुकराते हुए माइक्रोसॉफ्ट को चुना| राजीव ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे एक नई कंपनी के साथ जुड़कर खुद को साबित करना चाहते थे|
ज्ञात हो कि राजीव का जन्म बिहार स्थित बौंसी के जबरा गांव में 20 दिसंबर 1968 को हुआ। पिता झारखंड के साहेबगंज स्थित सेंट जेवियर्स स्कूल में शिक्षक थे। मां वृंदा देवी, बहन विजया चौधरी और बड़े भाई कैलाश जायसवाल में ही उनकी पूरी दुनिया सिमटी थी। अच्छी तालीम की इच्छा थी तो पिता ने अपने ही स्कूल में दाखिला करवा दिया। 10वीं तक पढ़ाई के बाद कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज में दाखिला लिया। लेकिन वहां हॉस्टल में कमरा नहीं मिलने पर राजीव ने कई रातें रेलवे स्टेशन के रिटायरिंग रूम में भी बिताई।