कसमें हैं, वादे हैं, यादें हैं, इश्क है, इबादत है, Bus to Patna के सवारियों की यही जिंदगी है
🚍Bus to Patna के सवारियों की लघु प्रेम कहानियाँ ❤
– रामपुर लेन की गलियों में टहलते हुए वो ना जाने क्यों ठिठक कर खड़ा हो जाता है.! आइसक्रीम के ठेले पर बजता गाना “तुमसे मिलकर ना जाने क्यों और भी कुछ याद आता है” शायद उसको लौटा देते हैं कुछ पल के लिए दसवीं क्लास में! झेंप जाता है वो.. हल्की-सी मुस्कुराहट से इस झेंप को दबाते हुए वो ना चाहते हुए भी आइसक्रीम खा ही लेता है..!🍦🍧
– भिखना पहाड़ी की संकरी गली के किसी अँधेरे सिंगल रूम में तनहा लेटा वो इअरफोन में “मितवा भूल ना जाना मुझको भूल ना जाना” से लेकर “जीता था जिसके लिए, जिसके लिए मरता था” गाना बजा-बजाकर आधी रात को करवटें बदल रहा है.! किसी खास का नाम फेसबुक में डालकर वो तकरीबन 80 प्रोफाइल चेक कर चुका है..! आज पता नहीं नींद भी क्यों नहीं आ रही!😒😒
– पीठ पर बैग टाँगे वो भूतनाथ मेन रोड पर ऑटो में बैठा.. करबिगहिया उतरकर फिर राजेन्द्रनगर टर्मिनल के लिए वापस ऑटो पकड़ता है.. बात करते समय कोई अक्सर आधी रात को फोन पर गाना सुनाया करती थी “क्या तुम्हें पता है ऐ गुलशन मेरे दिलबर आने वाले हैं..” ऑटो में बज रहे इसी गाने को सुनते-सुनते किसी की यादों में खोया वो राजेन्द्रनगर के बदले करबिगहिया पहुँच जाता है..!😍🥰
– बोरिंग रोड में चार साल से रह-रहकर वो भी बोरिंग हो गया है. मोटे लेंस वाला चश्मा, क्लासमेट की कॉपी और रेनोल्ड्स की पेन यही उसके हमसफ़र हो गए हैं.. अचानक उसके बगल वाले कमरे से “आएगी हर पल तुझे मेरी याद” गाने की मद्धिम आवाज आती है और वह पागलों की तरह मोटी-मोटी किताबों की ढेर के बीच कुछ खोजने लग जाता है.. अपने सबसे प्रिय से मिली ग्रीटिंग्स, जिसपर धूल-सी जम गयी है.. उसके बाद कहाँ मिल पाए थे दोनों..! एसएससी-बीपीएससी की मैराथन तैयारियों ने सब लील लिया..!📚🧐
– पटना जू के बाहर बैठा वो बार-बार रुमाल से आँखों के कोर पोंछ रहा है.. दोनों हर बार यहीं मिलते थे वो.. उनको मछलीघर की रंगीन मछलियों को छेड़ने में बड़ा मजा आता.. वो हर बार यह शिकायत करती कि कभी बारिश में आएँगे, मुझे मोर को नाचते हुए देखना है.. आज सुबह से ही बादल छाए हुए हैं. किसी दोस्त का फोन आया था “भाई, शादी हो रही आज उसकी.” बाहर लिट्टी-चोखा के ठेले वाले ने फुल साउंड में “परदेशी-परदेशी जाना नहीं, मुझे छोड़के-मुझे छोड़के” बजा दिया है.!🌧🦚
– पूरे पाँच साल बाद पटना लौटा है वो.. डॉक्टर बनकर.. दोस्तों से झूठ बोलकर दोपहर के तीन बजे मेडीकस इंस्टिट्यूट के सामने घंटे भर किसी के इंतजार में खड़ा रहा.. वही क्यूट-सी लड़की, जिसे उसके दोस्त चश्मीश बुलाते थे. पाँच साल पहले रोहित सर की केमिस्ट्री क्लास में उसके ठीक आगे वाली बेंच पर बैठने वाली पढ़ाकू लड़की, जिससे वो बात भी नहीं कर पाया था. पता भी नहीं है कहाँ है वो आजकल.! फिर भी खड़ा है वो उसी के इंतज़ार में.. कहीं दूर से ग़ज़ल “ये दुनिया प्यार के किस्से जब भी सुनाती है, वो लड़की याद आती है” की मद्धिम-मद्धिम आवाज़ आ रही है..!💞👨🏻⚕
💌 ऐसे अनगिनत किस्से हैं, हर किसी के हिस्से हैं.. पहली-पहली मुहब्बत के अफ़साने हैं, अलका-उदित-कुमार शानू के गाने हैं.. कसमें हैं, वादे हैं, यादें हैं, इश्क है, इबादत है, बंदगी है, Bus to Patna के सवारियों की यही जिंदगी है………✍🏻💑
– Aman Aakash….❣