ओडिशा के बाद बिहार अब अगला राज्य होगा जहां प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगने जा रहा है. बिहार सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एक्ट) की धरा 5 और धरा 23 के तहत शहर में प्लास्टिक के इम्पोर्ट,उत्पादन, वितरण, स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन और सेल पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. साथ ही किसी भी प्रकार के प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल पर भी पाबन्दी लगा दी गई है.
इसी के चलते सभी ठीकेदारों, थोक व्यापारियों, विक्रेताओं, दुकानदारों, फेरी वालों और सब्जीवालों को 60 दिन के भीतर प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग बंद करना होगा. राज्य में मौजूद बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और शहरी विकास और आवास विभाग कार्यान्वयन की निगरानी करेंगे.
नियम का उलंघन करते पाए जाने पर पांच साल की सज़ा दी जाएगी या एक लाख रूपए जुरमाना देना पड़ सकता है. बता दें इस बैन में भोजन सामग्री, दूध और दूध के उत्पाद के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक के कंटेनर शामिल नहीं हैं.
नर्सरी में पौधों को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले प्लास्टिक के कंटेनर भी बैन किए जाने वाले उत्पादों की सूची से बाहर हैं. जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अनुसार बायो-मेडिकल कचरे के संग्रहण या भंडारण के उद्देश्य के लिए उपयोग में लाये जाने वाले प्लास्टिक कैरी बैग जिनकी घनत्व 50 माइक्रोन से ज़्यादा है उनके इतेमाल की अनुमति है|