दो साल पहले जेएनयू कैंपस में एक विवादास्पक घटना घटी| कैंपस के अंदर ही बुलाए गए एक सभा में राष्ट्र विरोधी नारें लगायें गए| मीडिया में खबर आते ही इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया| चुकी यह मामला राष्ट्र हित से जुड़ा था और केंद्र में एक राष्ट्रवादी विचारधारा की सरकार थी, इस घटना का राजनीतिकरण तो होना ही था|
12 फरवरी 2016 को दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया| हालाँकि कन्हैया कुमार ने अपने उपर लगे आरोप को बेबुनियाद बताया और जेल से निकलते ही जेएनयू कैंपस में देश की आजादी पर एक एतिहासिक भाषण दिया|
इस घटना ने कन्हैया कुमार की किस्मत बदल दी| जेएनयू के कैंपस राजनीति से बाहर निकलकर वे देश के मुख्यधारा के राजनीति में छा गयें और विपक्ष का एक मुखर आवाज बनकर उभरे| हालांकि कन्हैया कुमार को एक तरफ जितने पसंद करने वाले लोग हैं, दुसरे तरफ लोगों का एक बड़ा तबका कन्हैया को अभी भी देशद्रोही मानता है| (कोर्ट से बेगुनाह साबित होने के बाद भी)
हालांकि बहुत पहले से ही यह कयास लगाया जा रहा था कि कन्हैया बिहार के बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, मगर मीडिया और सूत्रों से आ रही खबरों के अनुसार अब यह पक्का हो गया है|
कन्हैया कुमार 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार के बेगूसराय से मैदान में उतरेंगे| सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कन्हैया कुमार बेगूसराय से महागठबंधन के उम्मीदवार बनेंगे| हालांकि औपचारिक तौर पर कन्हैया कुमार सीपीएम के केंडिडेट होंगे, लेकिन उन्हें महागठबंधन के आम उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाएगा| बिहार में महागठबंधन में आरजेडी समेत कांग्रेस, एनसीपी, हम(एस), शरद यादव की एलजेडी के अलावा लेफ्ट पार्टियां भी शामिल हैं|
ज्ञात हो कि जेल से रिहा होने के बाद पटना दौरे पर आये कन्हैया कुमार तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव दोनों से मिले थे| उस समय लालू प्रसाद यादव को पैर छू कर प्रणाम करने पर उनके विरोधियों ने जमकर निशाना भी साधा था| सूत्रों के मुताबिक लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव कन्हैया कुमार को टिकट को राजी हैं और कांग्रेस के साथ बातचीत के बाद बेगूसराय सीट से कन्हैया कुमार को मौका दिया जा रहा है|
सीपीएम लीडर सत्य नारायण सिंह ने एक प्रमुख अंग्रेजी अख़बार से बातचीत के दौरान इस बात कि पुष्टि की है| उन्होंने कहा कि महागठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अभी औपचारिक तौर पर कोई बात नहीं हुई है, लेकिन इतना निश्चित है कि बेगूसराय से कन्हैया कुमार को ही उतारा जाएगा| उन्होंने बताया कि एक बार खुद लालू प्रसाद यादव ने भी बेगूसराय के लिए कन्हैया कुमार का नाम सुझाया था|
कन्हैया मूल रूप से बेगूसराय के रहने वालें हैं
कन्हैया मूल रूप से बेगूसराय जिले के बरौनी ब्लॉक में बीहट पंचायत के रहने वाले हैं| उनकी मां मीना देवी एक आंगनबाड़ी सेविका हैं और उनके पिता जयशंकर सिंह यहीं एक किसान थे|
अभी वर्तमान में बेगूसराय लोकसभा सीट पर बीजेपी के भोला सिंह काबिज़ है| बिहार में बेगूसराय को लेफ्ट विचारधारा का गढ़ माना जाता रहा है| गढ़ भी ऐसा कि बेगूसराय को लेनिनग्राद यानी लेनिन की धरती तक कहा जाने लगा। लेकिन इसी बेगूसराय में सामाजिक न्याय की फसल भी खूब लहलहायी और और अब यहां जातिवादी फसलों की बहार है। महागठबंधन के तरफ से कन्हैया कुमार उम्मीदवार के तौर पर अगर उतरते हैं तो मुकाबला वाकई दिलचस्प होगा| एक बार फिर बिहार का बेगूसराय राजनितिक प्रयोगशाला का केंद्र होगा| उनके उम्मीदवारी में लेनिनवाद और जातिवाद दोनों का छौंक है|बेगूसराय लेनिनवाद-जातिवाद के साथ राष्ट्रवाद का मुकाबला देखना दिलचस्प होगा|