उत्तर बिहार को राजधानी पटना को जोड़ने वाली गाँधी सेतु पुल का तो कायाकल्प का काम तो चल ही रहा है उसके साथ ही पटना के जीरो माइल से हाजीपुर तक गाँधी सेतु के समान्तर न्यू महात्मा गाँधी सेतु पुल का निर्माण किया जायेगा| महात्मा गांधी सेतु के समानांतर 3000 करोड़ रुपए की लागत से गंगा पर नया पुल बनेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में जीरो माइल से रामाशीष चौक तक फोर लेन पुल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। पुल की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार है।
ऊंचे-ऊंचे पिलर के बीच तने हुए स्टील केबल्स पर पुल का पूरा ढांचा आधारित होगा| पिलर की कुल संख्या 23 होगी और उनके बीच का स्पैन 242 मीटर लंबा होगा| वर्तमान गांधी सेतु से अपस्ट्रीम (बनारस की तरफ) में 40 मीटर ऊपर स्थित यह पुल वर्तमान पुल के समानांतर ही फैला होगा| पुल के निर्माण पर 3000 करोड़ खर्च होंगे| डीपीआर दक्षिण काेरिया की एक कंपनी बना रही है|
नूतन गांधी सेतु के निर्माण के लिए 3.75 हेक्टेयर भूमि की जरूरत पड़ेगी| पुल पटना से अधिक हाजीपुर सिरे की ओर फैला होगा| इसलिए इसके निर्माण के लिए हाजीपुर दियारा के अधिक भूमि की जरूरत पड़ेगी| भूमि अधिग्रहण की तैयारी शुरू कर दी गई हैं और इसके लिए विशेष भूअर्जन पदाधिकारी (सीएएलए) की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है| नवंबर तक भूमि अधिग्रहण शुरू होने की संभावना है| अधिग्रहित होने वाली भूमि में 80 फीसदी सरकारी है इसलिए अधिग्रहण में अधिक परेशानी की संभावना नहीं है|
अलग होगी नये पुल की तकनीक
नये पुल की तकनीक अलग होगी| यह केबल स्टे ब्रिज तकनीक पर बनेगा| पुल की लंबाई-चौड़ाई लगभग उतनी ही होगी, जितनी वर्तमान पुल की है|
केबल स्टे ब्रिज तकनीक लंबे पुल के निर्माण के लिए प्रयुक्त होने वाली अन्य तकनीकों की तुलना में किफायती है| इसमें स्पैन (दो पिलर के बीच की दूरी) की लंबाई अधिक होती है| इससे पिलर की संख्या कम होती है और इनके व वेल फाउंडेशन के निर्माण का खर्च बच जाता है| कम इस्पात की खपत से कैंट लीवर तकनीक किफायती है, लेकिन पिछला अनुभव बताता है कि यह उतनी मजबूत नहीं| इसके कारण नये पुल के निर्माण में इसका इस्तेमाल नहीं किया गया| केबल स्टे तकनीक में पुल की मरम्मत भी आसान होती है और टूटे फूटे भाग को आसानी से रिप्लेस कर दिया जाता है|
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