महेंद्र सिंह धोनी को बिहारी कहकर चिढ़ाते थे साथी खिलाड़ी, युवराज सिंह को दे दिया था ऐसा जवाब कि…
अपने कूल माइंडेड गेम को लेकर फेमस धोनी का कॅरियर और लोकप्रियता इस हद तक रही है कि वह ऐसे एकमात्र भारतीय क्रिकेटर हैं जिनपर संन्यास से पहले ही फिल्म बनी है। महेंद्र सिंह धोनी इकलौते ऐसे कप्तान रहे हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफ़ी पर कब्ज़ा जमाया है. हालांकि कामयाबी के शिखर पर पहुंचने के बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ दी.लेकिन बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज़ वे अभी भी टीम के लिए उपयोगी बने हुए हैं.
महेंद्र सिंह धोनी को बिहारी कहकर चिढ़ाते थे साथी खिलाड़ी
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी काफी कूल मिजाज के माने जाते हैं लेकिन जब वो टीम के साथ जुड़े तो शुरुआती दौर में उन्हें युवी समेत साथी खिलाड़ी बिहारी कहकर पुकारते थे। धोनी को इस बात का बुरा भी लगता लेकिन वह ये बखूबी समझते कि साथी खिलाड़ी ये सब मजाकिया अंदाज में कहते हैं तो इसे माही इग्नोर कर दिया करते थे। मगर एक बार युवराज सिंह ने उन्हें कुछ ऐसा कहा, जिसपर धोनी ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ ही दी।
दरअसल हुआ यूं कि युवराज सिंह धोनी से पहले ही टीम में अपनी जगह बना चुके थे। माही 2005 में जब भारतीय टीम से जुड़े तो वह अक्सर चौके-छक्के लगाने की फिराक करते और ऐसे में अपना विकेट भी गंवा बैठते। ऐसे में अक्सर युवराज सिंह उन्हें चिढ़ाते और कहते कि चौके-छक्के लगाने से कुछ नहीं होता, मैच जिताने वाली इनिंग भी खेलनी पड़ती है।
एक दिन युवी के तानों से परेशान होकर कैप्टन कूल धोनी भी कूल नहीं रहे पाए। उन्होंने युवराज सिंह से पूछ ही डाला –
‘भाई तुम मेरी खिंचाई करना छोड़ो और यह बताओ कि तुम इतना गुस्सा आखिर लाते कहां से हो?’ कहा जाता है कि इस सवाल के बाद से दोनों में काफी अच्छी दोस्ती हो गई।
स्कूल में ही थामा बल्ला
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म संयुक्त बिहार के रांची में हुआ था, उनके पिता का नाम पान सिंह और मां का नाम देवकी देवी है, धोनी की एक बहन जयंती और एक भाई नरेंद्र भी है। धोनी के परिजनों ने कभी सोचा भी नहीं था, कि उनका बेटा एक दिन पूरी दुनिया में उनका और अपने देश का नाम रौशन करेगा। धोनी की पढ़ाई रांची के जवाहर विद्यालय में हुई, इसी स्कूल में सबसे पहले धोनी ने क्रिकेट का बल्ला भी थामा था। 1992 में जब धोनी छठी क्लास में पढ़ रहे थे, तभी उनके स्कूल को एक विकेट कीपर की जरूरत थी, लिहाजा उन्हें विकेट के पीछे खड़े होने का मौका मिला। जब स्कूल के दोस्त पढ़ाई से समय बचने पर खेलते थे तब महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट से समय मिलने पर पढ़ाई किया करते थे। स्कूल के बाद धोनी जिलास्तरीय कमांडो क्रिकेट क्लब से खेलने लगे थे। इसके बाद उन्होंने सेंट्रल कोल फील्ड लिमिटेड की टीम से भी क्रिकेट खेला और हर जगह अपने खेल से लोगों का दिल जीतते चले गए।