बिहार का एक और बेटा हुआ शाहिद, कारगिल युद्ध में चचेरे भाई की गई थी जान
बीते शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकियों ने आर्मी के काफिले पर हमला बोला जिसमें 3 जवान शहीद और 2 जख्मी हो गये।
आतंकी हमले में शहीद तीन जवानों में एक बिहार के मोतिहारी का लाल शशिकांत पांडेय (25) भी शामिल हैं।इससे पहले शशिकांत के चचेरे भाई मनोज पांडेय भी 1999 के कारगिल युद्द में देश की खातिर जान न्योछावर कर चुके हैं।
मोतिहारी के गोविंदगंज थाने के बभनौली गांव के शशिकांत पांडेय 2013 में आर्मी में बहाल हुए थे।
मोतिहारी के रहने वाले शशिकांत का पूरा परिवार अब धनबाद शिफ्ट हो गया है. शशिकांत की मौत की खबर पाकर पूरा धनबाद गम और गुस्से में डूब गया/ जानकारी के मुताबिक शहीद का शव रविवार को रांची होते हुए धनबाद के झरिया पहुंचेगा।
- शशिकांत चार दिसंबर को एक शादी समारोह में भाग लेने के लिए धनबाद आये थे। चार दिन पहले ही वापस जाकर उन्होंने ड्यूटी ज्वाइंन किया था। शहीद के दोस्त सुशील दुबे नेवी में हैं और उसकी शादी में ही भाग लेने के लिए शशिकांत आये थे।
- राजेश्वर पांडेय के दो बेटों और दो बेटियों में शहीद शशिकांत पांडेय सबसे छोटे थे। शशिकांत के बड़े भाई श्रीकांत पांडेय सीआरपीएफ में हैं. उनकी पोस्टिंग धनबाद के ही प्रधानखंता कैंप में है।
- जम्मू-कश्मीर में सेना के काफिले की बस पर फायरिंग पंपोर में हुई।उस वक्त काफिला श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाइवे से गुजर रहा था।
शनिवार दोपहर मुठभेड़ के कुछ ही देर बाद शशिकांत की बहन रिंकू देवी को फोन पर यह दुखद खबर मिली। इसके बाद परिवार समेत पूरे इलाके में मातम छा गया।