जँहा सूबे के सीएम नीतीश कुमार हर जगह शराबबंदी का प्रचार कर रहे हैं और राज्य में शराबबंदी के लिए पूरी तरह सख्त हैं वंही शराबबंदी के बाद राज्य में सैलानियों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है. शराबबंदी से पहले लगातार पयर्टकों की संख्या बढ़ रही थी, पर शराबबंदी के महज दो महीने के बाद 21 लाख सैलानियों की भारी गिरावट आयी है।
सूबे के पर्यटन क्षेत्र पर भी शऱाबबंदी का जबरदस्त निगेटिव असर हुआ है. पर्यटन निदेशालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक शराबबंदी ने बीते दो महीने में ही पर्यटन क्षेत्र को लगभग 21 लाख पर्यटकों का नुकसान करा दिया है.
आकड़ों के मुताबिक 2015 के जून महीने में बिहार में 6 लाख 43 हजार 692 पर्यटक आये जबकि जुलाई 2015 में ये संख्या 28 लाख 64हजार 826 तक जा पहुंची. अब अगर 2016 की बात करें तो जून में बिहार में 8 लाख 11 हजार 799 पर्यटक आये जबकि जुलाई में ये संख्या महज 15 लाख 51 हजार 863 तक ही जा सिमटी.
जानकार बताते हैं कि बिहार के पर्यटन क्षेत्र को इतना बड़ा सदमा बोधगया में हुए बम बलास्ट की घटना जो कि 2013 में हुई थी के बाद भी नहीं लगा था. तब विदेशी पर्यटकों की संख्या में 3 लाख की गिरावट हुई थी, लेकिन शराबबंदी ने बीते दो महीने में ही पर्यटन क्षेत्र को लगभग 21 लाख पर्यटकों का नुकसान करा दिया है.
पर्यटकों की संख्या में सबसे ज्यादा गिरावट राजगीर में हुई है. राजगीर में जहां बीते साल जून-जुलाई में 25 लाख पर्यटक आये थे वहीं इस साल इन दो महीनों में यहां केवल डेढ़ लाख पर्यटक आये हैं. खास बात ये है कि उम्मीद के ठीक उलट विदेशी पर्यटकों से ज्यादा देशी पर्यटक पर असर पड़ा है. बहरहाल शराब बंद होने के कारण 2005 के बाद धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा राज्य का पर्यटन उद्योग एक बार फिर बेपटरी होता दिख रहा है.