शराबबंदी के बाद बिहार में इसके साइड इफेक्ट्स भी सामने आने लगे हैं, और सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसकी सख्ती पर विरोध भी किया है।
इसपर सीएम नीतीश कुमार ने साफ शब्दों में कह दिया है की वो बर्बाद हो जायेंगे लेकिन शराबबंदी से लेकर कोई समझौता उन्हें मंजुर नही है।
बिहार विधानसभा के मानसून के सत्र के दूसरे दिन सदन में मद्य निषेध और उत्पाद विधेयक 2016 पेश किया गया. विधेयक को सरकारी की ओर से विभागीय मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने पेश किया. उसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया. विधानसभा में संशोधन प्रस्ताव पर वोटिंग हुई. हालांकि विपक्ष का संशोधन प्रस्ताव गिर गया. संशोधन के पक्ष में मात्र 46 वोट पड़े वहीं दूसरी ओर सरकार के पक्ष में 150 वोट पड़े. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि मैं बर्बाद हो जाऊंगा, नष्ट हो जाऊंगा लेकिन शराबबंदी से समझौता नहीं करूंगा.
नंदकिशोर यादव ने दिया जवाब
वहीं दूसरी ओर चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि भाजपा शराबबंदी के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि विधेयक के सिद्धांत में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया है. नंद किशोर यादव ने कहा कि डंडे के जोर पर नशे को दूर नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस कानून में ऐसे नियम बनाये गये हैं जो स्वीकार योग्य नहीं हैं. नंद किशोर यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ सरकार बिहार में शराब बनवा रही है और दूसरी ओर लोगों को पीने से मना कर रही है. नंद किशोर ने कानून पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह कैसा कानून है कि जिसमें घर में शराब मिलने पर पूरे परिवार को जेल में जाना होगा.
सूबे में शराब मिलने की जिम्मेदारी किसकी-नंद किशोर
नंद किशोर यादव ने कानून की खिलाफत करते हुए कहा कि शराब मिलने पर अगर घर का मुखिया जिम्मेदार होगा तो सूबे में शराब मिलने पर जिम्मेदार कौन होगा ? वहीं भाजपा के एक दूसरे विधायक आरएस पांडेय ने कहा कि विधेयक बिना संशोधन के पास हुआ तो सदन के लिये शर्म की बात है. पांडेय ने कहा कि शराबबंदी एक गौरव की बात है लेकिन इस तरह का काला कानून लाना ठीक नहीं है. नंद किशोर यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि शराबबंदी को मुख्यमंत्री राजनीतिक हथकंडे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं.