शराबबंदी पर मुख्यमंत्री द्वारा अपनाये गए सख्ती अब उनपर भारी पर सकती है.
पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने दस थानेदारों को निलंबित क्या किया अब राज्यभर से 8 हजार थानेदार इस्तीफे का मन बना लिए हैं।
कार्रवाई की कई कहानियां आपने देखी होगी
सिनेमा के पर्दे पर पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की कई कहानियां आपने देखी होगी. कई बार पर्दे पर पुलिस वाले बागी भी होते हैं, लेकिन इस बार असली में शराब को लेकर बिहार के पुलिस वाले बागी हो गये हैं. दो दिन पहले सरकार ने दस थानेदारों सहित 19 पुलिस वालों को निलंबित किया तो अब कई जिलों के थानेदार थानेदारी से मुक्ति चाह रहे हैं.
200 पुलिस वालों ने थानेदार नहीं बनने की चिट्ठी लिखी
भोजपुर, रोहतास के कई थानेदारों ने एसपी को बाकायदा चिट्ठी लिखी है. भोजपुर में 200 पुलिस वालों ने थानेदार नहीं बनने की चिट्ठी पर दस्तखत किये हैं. कई और जिलों में इस तरह का अभियान चल रहा है. बिहार पुलिस एसोसिएशन के नेताओं ने डीजीपी से कल मुलाकात की थी.
पुलिस वालों को फिर से बहाल किया जाए
इनकी मांग है कि जिन पुलिस वालों को निलंबित किया गया है उनको फिर से बहाल किया जाए और सरकार कानून में संशोधन करे. पुलिस संघ ने कहा है कि मांगें नहीं मानी गई तो 8000 दारोगा और इंस्पेक्टर एक साथ थानेदार के पद से इस्तीफा दे देंगे.
पहले सामुहिक छुट्टी पर चले जाएंगे
28 अगस्त तक मांगें नहीं मानी गई तो वे पहले सामुहिक छुट्टी पर चले जाएंगे. 28 अगस्त को ही पटना में राज्य भर के पुलिस संघ पदाधिकारियों की बैठक होगी. बिहार में शराबबंदी को लेकर सरकार ने सख्त नियम बना रखा है. 8 जिलों के जिन दस थानेदारों को निलंबित किया गया वो 10 साल तक थाना प्रभारी नहीं बन पाएंगे. आधा दर्जन डीएसपी भी जांच के दायरे में हैं.