मेदिनीनगर (पलामू) : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला अॉफर देते हुए कहा है कि अगर देश में पूर्ण शराबबंदी करा दें तो मैं योगा दिवस में जरूर भाग लूंगा।
पलामू में आयोजित महिला सम्मेलन में नीतीश ने कहा कि शराबबंदी के बिना योग का कोई मतलब नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अाह्वान पर पूरे देश में 21 जून को योग दिवस मनाया जा रहा है. यदि इसके पूर्व 20 जून को प्रधानमंत्री देश में शराबबंदी को लागू करते हैं, तो मैं भी उनके साथ 21 जून को होनेवाले योग दिवस में शामिल होऊंगा.
शराब बंद किये बिना योग की बात बेमानी है। लोग योगाभ्यास इसलिए करते हैं कि शरीर स्वस्थ रहे, लेकिन नशापान करने से शरीर स्वस्थ नहीं रह पाता, इसलिए प्रधानमंत्री अगर सच्चे मन से लोगों को स्वस्थ बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले उन्हें शराबबंदी को लागू करनी चाहिए। वह शुरू से ही योग करते हैं, योग कोई प्रचार की चीज नहीं है।
नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शराबबंदी के पक्षधर हैं। गुजरात में पहले से ही शराबबंदी थी,जब मोदी वहां के मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने भी गुजरात में इसे जारी रखा। आज तो वे देश के प्रधानमंत्री हैं।उन्हें पूरे देश में शराबबंदी लागू करनी चाहिए। पूरे देश में न सही, लेकिन उन्हें कम-से-कम भाजपा शािसत राज्यों में तत्काल शराब बंद करानी चाहिए।
झारखंड सरकार भी सहयाेग करे
शराबबंदी के बाद झारखंड सरकार से भी अपेक्षित सहयोग की अपील की गयी थी. सम्मेलन में नीतीश कुमार ने वह पत्र पढ़ कर भी सुनाया, जो उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास को भेजा था.
सीएम ने उस पत्र का जवाब दिया था, जसिमें यह कहा गया था कि पत्र को आवश्यक कार्रवाई के लिए उत्पाद विभाग को भेज दिया था. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि शराबबंदी में सहयोग करने के नाम पर झारखंड सरकार ने यही किया कि बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में शराब का कोटा बढ़ा दिया. पलामू में 50% व गढ़वा में शराब का 45% कोटा बढ़ा दिया गया. ऐसे में समझा जा सकता है कि झारखंड सरकार का सोच क्या है?
उन्होंने कहा कि झारखंड की महिलाएं जाग चुकी हैं. वैसे झारखंड की जो सरकार है, वह स्वयं निर्णय लेने में सक्षम नहीं है, क्योंकि वह रिमोट पर चल रही है.
उन्होंने कहा कि यदि रघुवर दास नहीं सुन रहे हैं, ताे कोई बात नहीं, बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में जब भी झारखंड में सरकार बनेगी, तो सबसे पहला काम सूबे में शराबबंदी होगी.
उन्होंने कहा कि शराब के नाम पर आदिवासियों को बदनाम करने का काम किया जाता है, जबकि झारखंड के बड़े आदिवासी नेता शिबू सोरेन ने खुद शराबबंदी का अभियान चलाया था. उन्होंने पलामू में सम्मेलन आयोजन के लिए पूर्व मंत्री सुधा चौधरी को बधाई दी. सम्मेलन को बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, बिहार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो सहित कई लोगों ने भी संबोधित किया.