बिहार उपचुनाव: जहानाबाद-अररिया में राजद की जीत, भभुआ बीजेपी के खाते
बिहार की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में दो पर लालू यादव की पार्टी आरजेडी और एक पर बीजेपी को जीत मिली। आरजेडी को मिली सीटों में अररिया (लोकसभा) पर सरफराज आलम और जहानाबाद (विधानसभा) पर सुदय यादव जीते। वहीं, भभुआ (विधानसभा) सीट बीजेपी के खाते में गई, यहां बीजेपी कैंडिडेट रिंकी रानी पांडेय ने जीत दर्ज की। इस बार एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला रहा। महागठबंधन से अलग होने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर थी। उपचुनाव में 11 मार्च को अररिया में 61%, जहानाबाद में 57.85% और भभुआ में 59.68 % मतदान हुआ था।
बिहार की अररिया सीट पर ‘सीमांचल के गांधी’ कहे जाने वाले तस्लीमुद्दीन के परिवार का कब्जा बरकरार रहा है| राजद के कद्दवार नेता के निधन के बाद से खाली हुई इस सीट को उनके ही बेटे सरफराज आलम ने जीत लिया है| चुनाव से ठीक पहले उन्होंने नीतीश का दामन छोड़ राजद का हाथ थामा और राजद से सांसद के लिये उम्मीदवारी का पर्चा दाखिल किया|
उन्होंने उपचुनाव में बीजेपी के नेता प्रदीप सिंह को 59613 मतों के भारी अंतर से हराया| अररिया के रहने वाले सरफराज आलम अब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता हैं| उन्होंने उपचुनाव में बीजेपी के प्रदीप सिंह से निर्णायक बढ़त ली है और शुरूआती के कुछ राउंड के बाद से उसे बरकरार रखा|
पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री और राजद के बड़े चेहरे मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम उस वक्त सुर्खियों में आये थे जब उनका नाम राजधानी एक्सप्रेस मेें बदतमीजी और छेड़खानी से जुड़े एक मामले में जुड़ा था| वो अरारिया जिले के जोकिहट से विधानसभा कई बार चुने गए हैं| उस समय उन्हें पार्टी ने बाहर का रास्ता भी दिखा दिया था|
बीजेपी ने अररिया सीट जीतने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगाया था| खुद सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने एक ही दिन में वहां तीन सभाएं की थीं और वोट मांगा था लेकिन वोटर्स ने एनडीए की इस अपील और विकास के दावों को नकार दिया|
इस जीत ने एक बार फिर से बिहार के सीमांचल इलाके में राजद के प्रभुत्व को भी कायम रखा है| लालू की गैरमौजूदगी में भी राजद ने इस सीट को जीत लिया है|