खुशखबरी: बिहार के लाल हरेंद्र बने भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच
भारतीय खेल प्राधिकरण और हॉकी इंडिया की संयुक्त समिति की बैठक 7 सितंबर, 2017 को हॉकी खेल प्राधिकरण में हुई। इस बैठक में उच्च कार्य निष्पादन करने वाले विशेषज्ञ हॉकी कोच के रूप में बिहार के छपरा जिले के निवासी और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता हरेंद्र सिंह को भारतीय वरिष्ठ महिला हॉकी टीम के लिए कोच नियुक्त किया गया। यह निर्णय भारतीय खेल प्राधिकरण और हॉकी इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से हरेन्द्र सिंह की पिछले और हाल ही की कार्य प्रदर्शन के आधार पर लिया गया है। उनके कोचिंग के अंतर्गत 2016 में लखनऊ में आयोजित जूनियर पुरूष हॉकी टीम जूनियर पुरुष टीम विश्व कप जीती थी। वे 2008 से 2009 तक वरिष्ठ पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच तथा 2009 से 2010 तक राष्ट्रीय कोच भी रहे। वे प्रमाणित लेबल-III कोच हैं। हरेंद्र सिंह शीघ्र ही नई जिम्मेदारी संभालेंगे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि भारतीय वरिष्ठ महिला हॉकी टीम के वर्तमान मुख्य कोच वार्ल्थरन नॉर्बर्स मारिया मैरिजन अपने वर्तमान यूरोप दौरे से लौटने के बाद भारतीय सीनियर पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच के रूप में पदभार संभालेंगे। मैरिजन ने वरिष्ठ भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
हालांकि दिलचस्प बात यह है कि कोच पद के लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर थी| यानी अप्लाई करने का वक्त ही नहीं दिया गया| हॉकी इंडिया के एक अधिकारी के मुताबिक सात सितंबर को मीटिंग के बाद तय किया गया कि फैसला अभी कर दिया जाए| दूसरी दिलचस्प बात है कि घोषणा हॉकी इंडिया की जगह खेल मंत्री ने की| उसके बाद खेल मंत्रालय से आधिकारिक तौर पर मेल के जरिए जानकारी दी गई| ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि कोच की आधिकारिक घोषणा मंत्रालय या मंत्री की तरफ से आए|
तीसरी दिलचस्प बात है कि हरेंद्र सिंह को पुरुष हॉकी टीम के कोच का प्रबल दावेदार माना जा रहा था मगर पुरुष टीम की जिम्मेदारी शोर्ड मारिन को दी गई है, जिन्होंने कभी सीनियर पुरुष टीम की कोचिंग नहीं की है| बजाय इसके कि वो नेदरलैंड्स की अंडर-21 पुरुष टीम के कोच रहे हैं| जूनियर वर्ल्ड कप दिलाने वाले हरेंद्र सिंह को महिला टीम को जिम्मेदारी दी गई है, जिन्होंने कभी महिला टीम की जिम्मेदारी नहीं संभाली है|
अपने जज्बे के लिए मशहूर हैं कोच, हरेंद्र सिंह
अपने 17 साल के कोचिंग करियर में अपने जुनून और जज्बे के लिए मशहूर रहे हरेंद्र ने तीन साल पहले जब फिर जूनियर टीम की कमान संभाली, तभी से इस खिताब की तैयारी में जुट गए थे। उनका किरदार फिल्म ‘चक दे इंडिया’ के कोच कबीर खान (शाहरुख खान) की याद दिलाता है, जिसने अपने पर लगे ‘कलंक’ को मिटाने के लिए एक युवा टीम की कमान संभाली और उसे विश्व चैंपियन बना दिया।