राजधानी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में राजद की ‘देश बचाओ-भाजपा भगाओ रैली’ कुछ ही घंटों में शुरू होने जा रही है। इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राज्य में महागठबंधन सरकार के बिखरने और राजद के सत्ता से बेदखल होने के बाद पूरे देश की नजरें इस रैली पर टिकी हुई है। जदयू के बागी शरद यादव के अगले कदम का भी इंतजार किया जा रहा है। भाजपा विरोधी रैली में शामिल होकर वह एक तरह से जदयू को कार्रवाई के लिए चुनौती देने की तैयारी कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार के बाढ़ पीडि़त इलाकों के हवाई सर्वे के एक दिन बाद होने वाली इस रैली में भाग लेने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, सीपी जोशी एवं एनसीपी के तारिक अनवर समेत विभिन्न दलों के करीब 21 नेताओं ने सहमति दी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी एवं बसपा प्रमुख मायावती को भी आमंत्रित किया गया था, किंतु विभिन्न कारणों से उनका कार्यक्रम नहीं बन सका। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम रहते भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद लालू की मंशा देशभर के भाजपा विरोधी बड़े नेताओं को एक मंच पर लाकर अपनी ताकत दिखाने की है।
राजद की रैली से कुछ बड़े नेताओं ने भले ही किनारा कर लिया है, लेकिन इससे लालू की तैयारियों और तेवर पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। भीड़ के जरिए सियासी ताकत का प्रदर्शन उनका पुराना हथकंडा रहा है। 90 के दशक में बिहार में अपनी सरकार के दौरान गरीब महारैला के आयोजनों के जरिए लालू प्रसाद कई बार ऐसा कर भी चुके हैं। इस बार भी पूरी तैयारी है। हालांकि, सूबे के 19 जिलों में पिछले दो हफ्ते से बाढ़ के चलते रैली की भीड़ पर असर से इनकार नहीं किया जा सकता है। फिर भी लालू के समर्थकों का विभिन्न जिलों से टोलियों में पटना पहुंचना लगातार जारी है।
राजद की रैली में मंच पर विभिन्न दलों के 21 नेता दिखेंगे| इन नेताओं ने राजद प्रमुख को रैली में आने की सहमति दे दी है| जिन बड़े नेताओं के रैली में शामिल होने की सूचना मिली है उसमें शरद यादव (जदयू), पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस), अखिलेश यादव (सपा), गुलाम नबी आजाद (कांग्रेस), सीपी जोशी (कांग्रेस), तारिक अनवर(एनसीपी), चौधरी जयंत सिंह (आरएलडी), सुधाकर रेड्डी (सीपीआइ), डी राजा (सीपीआइ), बाबू लाल मरांड़ी (जेबीएम), टीकेएस एलेनगोवन (डीएमके), के जोशमणि (के कांग्रेस), हेमंत सोरेन (जेएमएम), एनके प्रेमचंद्रन (आरएसपी), बदरूद्दीन अजमल (एआइयूडीएफ), जगमीत सिंह बरार(टीएमसी), किरणमय नंदा (सपा), अली मुहम्मद सागर (एनसी), अली अनवर(जेडीयू), बी हनुमंत राव (कांग्रेस) और डा दानिश अली (जेडीएस) शामिल हैं|
स्टेशनों की बढ़ायी गयी सुरक्षा
रैली को लेकर दरभंगा के लहेरियासराय व बरौली और कटिहार के बथना से तीन स्पेशल ट्रेन जंकशन पहुंच रही है. इसके अलावा दूसरी ट्रेनों से भी बड़ी संख्या में राजद समर्थकों को पहुंचने की संभावना है| इसको लेकर पटना जंकशन,राजेंद्र नगर टर्मिनल, पाटलिपुत्र जंकशन की सुरक्षा बढ़ा दी गयी गयी है|
यातायात प्रतिबंधों से हो सकती है परेशानी, डाकबंगला से गांधी मैदान जाना मुश्किल
राजद की ओर से आयोजित रैली की समाप्ति और यातायात सामान्य होने तक यदि बहुत जरूरी नहीं हो, तो लोग घर से निकलने से बचें, क्योंकि रैली के दौरान लगे यातायात प्रतिबंधों के कारण आपको आने-जाने में असुविधा हो सकती है|
खासकर डाकबंगला से गांधी मैदान की ओर जाना अधिक मुश्किल होगा क्योंकि रैली में भाग लेनेवाले लोगों की सुविधा के मद्देनजर डाकबंगला के आगे वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद रहेगा| यातायात पुलिस ने सुबह छह बजे से रैली समाप्ति और यातायात के सामान्य होने तक सार्वजनिक यात्री वाहनों के साथ-साथ निजी वाहनों के आवागमन पर भी कई प्रकार के प्रतिबंध लगाये हैं| हालांकि इस दौरान वैकल्पिक मार्गों का निर्धारण किया गया है| केवल एंबुलेंस, आपातकालीन वाहनों, हरा व लाल पासधारक वाहनों और प्रशासनिक वाहनों को इससे छूट होगी|
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