आज भी है अंधेरे में 70 हजार की आबादी वाला बिहार का दूसरा सबसे बड़ा गाँव
शासन कितना विद्रुप हो सकता है और प्रशासन कितना लापरवाह, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण मुजफ्फरपुर जिले का सबसे बड़ा गाँव यजुआर है। यजुर्वेद के नाम पर स्थापित 70000 से भी अधिक की जनसंख्या वाला ये गाँव आज भी विकास को तरस रहा है। तीन पंचायत, 20 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल और औरई विधानसभा क्षेत्र में आने वाला ये बिहार का दूसरा सबसे बड़ा गाँव आजादी के 70 साल बाद भी बिजली अभाव में लालटेन युग में जीने को विवश है ! यहाँ के लोग पिछले कई सालों से कई गैर राजनीतिक आंदोलनो के माध्यम से विरोध और मांग कर रहे हैं पर सरकार आज भी वैसे ही सोई है!
ध्यान रहे कि यजुआर उसी मुजफ़्फरपुर जिला का हिस्सा है जिसके एक सांसद अजय निषाद (बीजेपी) 14 करोड़ के मालिक हैं ! मुजफ़्फरपुर जिले के अंतर्गत आने वाले विधानसभाओं के विधायक धनकुबेर हैं, ये देखिये-
गायघाट -महेश्वर प्रसाद यादव (आरजेडी)-3.5 करोड़
मुजफ़्फरपुर- सुरेश कुमार शर्मा (बीजेपी)- 11 करोड़
कांटी- अशोक कुमार चौधरी (निर्दलीय)- 19 करोड़
बरुराज-नन्द कुमार राय (आरजेडी)- 8 करोड़
और तो और सब के सब सिर्फ 12th पास हैं और क्रिमिनल केसेज भी खूब हैं सब पे। ये सारा डाटा इन सब के द्वारा खुद ADR के वेबसाइट पे डाला हुआ है। इनके व्यक्तिगत आर्थिक अनियमितता को तो फिर कभी लिखा जाएगा अभी तो बस यजुआर की बात करें। इतने बड़े गाँव का बिना बिजली के रहना एक कलंक है भारतीय लोकतंत्र पे।
कैसे इतने बड़े जनसंख्या वाले गांव की आवाज़ इतनी कमजोर हो सकती है कि सांसद राज्य सरकार को दोष दें और विधायक केंद्र सरकार को! लोग चकरघिन्नी की तरह कभी डीएम कभी एसडीओ के पास जा जाकर थक जाएं! कैसे गांव के लोगों ने अबतक कोई बड़ा सामूहिक प्रयास नहीं किया कि सरकारें सुनने को विवश हों! कैसे औरई विधानसभा से जीते विधायक सुरेंद्र यादव के रूलिंग पार्टी राजद से होने के बावजूद ये काम ऐसे अटका हुआ है!
अब सोशल मीडिया पर यजुआर के बिजली के लिए एक मुहीम चलाई गई है, संग आइये कि रोशनी का मार्ग प्रशस्त हो।
– आदित्य झा