जब दुल्हन ने जयमाला के मंच से बोलना शुरू किया।
गया के वजीरगंज में हुई अनोखी शादी।
गया के वज़ीरगंज में एक अनोखी शादी देखने को मिली है। शादी में आये सैकड़ो बारातियों को स्टेज से ही दुल्हन ने सम्बोधित किया।
इस शादी में सीएम नीतीश कुमार की पहल दहेज मुक्त विवाह का असर देखने को मिला सेल्वे गांव के निवासी व समाजसेवी डॉक्टर नौलेश सिंह की छोटी बेटी स्वीटी कुमारी ने अपनी शादी के दौरान समाज में बेटियों की अहमियत समझाई। स्वीटी ने जयमाल की रस्म से पहले दहेज प्रथा को जड़ से मिटाने का संदेश लोगों को दिया।
स्वीटी ने कहा की हर बेटी के भाग्य में पिता होता है लेकिन हर पिता के नसीब में बेटी नहीं होती है। इससे पहले वह वजीरगंज के आस-पास के क्षेत्रों में बेटी बचाओ- बेटी पढायो, दहेज के खिलाफ और एड्स के प्रति लोगों को जागरूकता करने का काम करती रही है। लेकिन कल रात खुद अपनी शादी में स्वीटी ने जयमाला स्टेज से ही दुल्हन की ड्रेस में बेटी बचाओ के प्रति लोगों को बताई।
गया जिले के वजीरगंज प्रखंड के सिलबे गांव में रहने वाली स्वीटी पूरे जिले के लिए आइकॉन बनी है। वह चर्चित समाज सेवी डॉ. नवलेश सिंह की पुत्री है। स्वीटी अब तक सब कुछ लिक से हटकर की है। यहां तक कि वह खुद अपनी शादी में भी जयमाला स्टेज से दुल्हन की ड्रेस में खड़े बारातियों को सम्बोधित किया। स्वीटी बचपन से ही अपने पिता के साथ-साथ सामाजिक कार्यो में भाग लेती रही है। समाजिक कार्यक्रमों में जाया करती थी और धीरे-धीरे वह खुद कई एनजीओ से जुड़ी। कई गॉव में जाकर बेटी बचायो, दहेज़ आदि के प्रति जागरूकता लाने की प्रयास की। शादी के बाद जब वह अपने ससुराल के लिए जाने लगी तो उससे पहले गया के एक अनाथालय में जाकर अनाथ बच्चों के बीच मिठाईयां बांटी और कही की अपनी ख़ुशी को परिवार के साथ मनाने में और एक अनाथ बच्चों के साथ खुशियां बांटने में जो सुकून मिलती है, वह कहीं और नहीं मिल सकती।
स्वीटी कुमारी ने कहा कि आए दिन लगभग सभी अखबारों में दहेज उत्पीड़न व दहेज हत्या के मामले प्रकाशित होते रहते हैं, जो बहुत ही गम्भीर मामला है। ना जाने दहेज के चक्कर में अब तक कितनी नवविवाहिताओं की हत्याएं हो चुकी हैं। इस मंच के माध्यम से मैं आग्रह करना चाहूंगी की हमारे बिहार के मुखिया नीतीश कुमार जी के द्वारा ये जो शराबबन्दी के बाद दहेजबन्दी का क़दम उठाया गया है, लोगों को इसे स्वीकार करना चाहिए।
स्वीटी ने शादी के बाद यह निर्णय लिया की ससुराल जाने के पूर्व गया के एक अनाथ आश्रम में जाकर बच्चों के बीच मिठाई बांटकर एवं उनके साथ कुछ पल बिताएंगी।
इस दौरान स्वीटी ने कहा कि ऐसे बच्चों को शादी जैसे समारोह में शिरकत करने का मौका नहीं मिल पाता है. मैं और नये जोड़ों से आग्रह करना चाहूंगी कि आप भी अनाथाश्रम में जाकर अनाथ बच्चों के बिच अपनी खुशियां बांटे।