बिहार के आधा दर्जन पर्यटन सर्किट विकसित होंगे!
बिहार में गाँधी सहित आधा दर्जन पर्यटन सर्किट होंगें विकसित!
इसके लिए राज्य का पर्यटन विभाग डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनवा रहा। इसे केंद्र सकार को भेजा जाएगा। इन सर्किट के विकास के लिए 50 से 200 करोड़ की राशि केंद्र से मांगी जाएगी।
पर्यटकीय दृष्टि से अति महत्वपूर्ण कांवरिया सर्किट, जैन सर्किट, गांधी सर्किट, अंग प्रदेश सर्किट, रामायण सर्किट और बुद्ध सर्किट के विकास की योजना बनी है। इन सर्किट से जुड़े पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में काम हो रहा है। राज्य सकार अपने स्तर पर तो खर्च कर ही रही है, लेकिन सुविधा और बेहतर हो इसके लिए केंद्र से भी राशि मांगी जा रही है।
अंग प्रदेश सर्किट के विकास के लिए राशि की मांग को लेकर पर्यटन विभाग ने केंद्र को डीपीआर भेज भी दिया है। इसके लिए 50 करोड़ की मांग की गई है। जैन व कांवरिया सर्किट के लिए डीपीआर पहले ही भेजा जा चुका है। इनके लिए 50-50 करोड़ की स्वीकृति मिल गई है। इसके अलावा गांधी सर्किट, रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है। गांधी सर्किट के लिए 50 करोड़, रामायण सर्किट के लिए 100, जबकि बुद्ध सर्किट के लिए 200 करोड़ मांगने की योजना है। हालांकि राशि में विचार-विमर्श के बाद बदलाव भी हो सकता है।
फिलहाल 6 सर्किट में होगी विशेष काम
बिहार में फिलहाल छह पर्यटन सर्किट हैं। इनमें बुद्ध सर्किट, सूफी सर्किट, जैन, सिख, हिन्दू व ईको सर्किट शामिल हैं। नए सर्किट के रूप में गांधी, अंग प्रदेश, रामायण व कांवरिया सर्किट को विकसित किया जाना है।
बुद्ध सर्किट : गया, नालंदा, भागलपुर, पू. चंपारण, प. चंपारण, वैशाली, जहानाबाद
सूफी सर्किट : जहानाबाद, पटना, मुंगेर, नालंदा, रोहतास
जैन सर्किट : नालंदा, भागलपुर
हिन्दू सर्किट : गया, नालंदा, भागलपुर, औरंगाबाद, बांका, जहानाबाद, कैमूर, सीतामढ़ी
50 से 200 करोड़ तक मांगे जाएंगे सर्किट के लिए केंद्र से
- राज्य का पर्यटन विभाग इन सर्किटों का बनवा रहा डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट
- पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी