12 वर्षों के बाद छठ महापर्व पर अद्भुत संयोग, जानिए अर्घ्य का शुभ समय

बिहार में छठ पूजा की तैयारी अंतिम चरण में है। लोगों देश – विदेश से छठ पूजा करने बिहार आ रहें हैं । इस वर्ष का छठ पूजा और वर्षों से खास माना जा रहा है। लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा पर इस वर्ष कार्तिक शुक्ल षष्ठी को खास संयोग भी बन रहा है। आचार्य प्रियेन्दु प्रियदर्शी के अनुसार पहला अर्घ्य रविवार को होने और चंद्रमा के गोचर में रहने से सूर्य आनंद योग का संयोग बन रहा है। यह खास संयोग लगभग 12 वर्षों के बाद बना है।  इससे लंबे समय से बीमार चल रहे व्यक्ति का स्वास्थ्य बेहतर होगा और संतान की भी प्राप्ति होगी।

महालक्ष्मी की भी कृपा बरसेगी 

 

आचार्य पीके युग के अनुसार छठ महापर्व पर चंद्रमा और मंगल के एक साथ मकर राशि में रहने से महालक्ष्मी की भी कृपा व्रतियों पर बरसेगी। वहीं चंद्रमा से केन्द्र में रहकर मंगल के उच्च होने या स्वराशि में होने से पंच महापुरुष योग में एक रूचक योग भी षष्ठी-सप्तमी को बनेगा। 

छठ पर ग्रहों की स्थिति

सूर्य, बुध -तुला में होंगे। शुक्र व शनि-वृश्चिक में, मकर में मंगल और चंद्रमा, केतु-कुंभ में, राहू-सिंह में और गुरु कन्या राशि में होंगे।

 

शनिवार को खरना से दूर होंगे दोष:

 

शनिवार को खरना होने से शनि की साढ़े साती से पीड़ित व्यक्ति को खास लाभ होगा। साथ ही अन्य शनि दोष से भी मुक्ति मिलेगी।

छठ महापर्व का चार दिवसीय कार्यक्रम

नहाय-खाए: 4 नवंबर (शुक्रवार) 

खरना(लोहंडा): 5 नवंबर (शनिवार)

सायंकालीन अर्घ्य- 6 नवंबर (रविवार)

प्रात:कालीन अर्घ्य: 7 नवंबर (सोमवार) 

सायंकालीन अर्घ्य का समय :- शाम 5.10 बजे 

प्रात:कालीन अर्घ्य का समय: प्रात: 6.13 बजे 

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