क्यों भारत के नए संसद भवन का नाम “वैशाली भवन” या “लिच्छवी भवन” होना चाहिए?
यह अच्छा मौका है जब भारत विश्वपटल पर वैशाली को लोकतंत्र के जननी के रूप में स्थापित करे.
देश में भारत के नए संसद भवन के नाम को लेकर बहस चल रहा है। कुछ लोग इसका नाम बाबा साहब अंबेडकर भवन रखने के लिए मुहिम चला रहे हैं। हालांकि मैं इससे सहमत नहीं हूं।
यह सच है कि भारत के वर्तमान संविधान के निर्माण में बाबा साहब का अहम योगदान है मगर भारत एक सफल गणतांत्रिक राष्ट्र बना इसका क्रेडिट सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता है।
इसलिए संसद भवन के पहचान को सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित करना उचित नहीं होगा। अगर इसका नाम रखना भी है तो भारत के प्रथम गणराज्य के नाम पर रखा जाए। लिच्छवी वंश द्वारा 6वीं शताब्दी BC में वैशाली गणराज्य को दुनिया के पहले गणतांत्रिक राष्ट्र के रूप में स्थापित किया था। यह ऐतिहासिक प्रमाणों द्वारा साबित किया जा चुका है।
हालांकि पश्चिमी देशों ने हमेशा से इस तथ्य को अस्वीकार कर, लोकतंत्र को पश्चिमी सिद्धांत बताया है। यह अच्छा मौका है जब भारत विश्वपटल पर वैशाली को लोकतंत्र के जननी के रूप में स्थापित करे। इसलिए मेरा मानना है कि भारत का संसद भवन का अगर नाम हो तो वो “वैशाली भवन” या “लिच्छवी भवन” हो।