बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस लेने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव की तैयारी, जाने नयी व्यवस्था
अब ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए एमवीआई के सामने टेस्ट नहीं दिए जायेंगे.
अगर आपने अभी तक अपना ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License in Bihar) नहीं बनवाया है और इसके लिए अप्लाई करने का सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए जरुरी है| बिहार सरकार ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर अपना नियम बदलने जा रही है| राज्य परिवहन विभाग के नए प्रस्ताव के अनुसार, अब ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए एमवीआई के सामने टेस्ट नहीं दिए जायेंगे। राज्य में खुलने वाले ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल (Driving Training School) से ही प्रमाण पत्र लेना काफी होगा।
चूंकि राज्य में खुलने वाले 61 प्राइवेट ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उम्मीद है इस बाबत जल्द ही आदेश जारी किया जायेगा|
क्या है वर्तमान व्यवस्था?
अभी ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए लोगों को ऑनलाइन आवेदन देना होता है, जिसके बाद उन्हें लर्निंग दी जाती है| लर्निंग पीरियड के बाद आवेदक को एक ड्राइविंग टेस्ट देनी होती है| जिसको पास करने के बाद ही उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस जारी की जाती थी| दोपहिया वाहन के लिए लाइसेंस लेने पर आमतौर पर अंग्रेजी अक्षर आठ तो कार का लाइसेंस लेने वालों से पीछे चलाकर आने-जाने को कहा जाता है। इस जांच की जिम्मेवारी अमूमन मोटरयान निरीक्षक (एमवीआई) के पास रहती है|
मगर इस व्यवस्था पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता रहा है| एक आकड़े के अनुसार 99 प्रतिशत लोग इस टेस्ट को पास करते हैं| आरोप है कि अधिकारी पैसा लेकर आवेदक को बिना टेस्ट के ही पास कर देते हैं| इसका परिणाम ये है कि बिहार में सड़क दुर्घटना की संख्या काफी बढ़ गयी है|
नयी प्रस्तावित व्यवस्था
नए प्रस्तावित व्यवस्था के बारे में सरकार दावा कर रही है कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम तो लगेगा ही, इसके साथ लोगों को लाइसेंस लेने के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाना होगा|
इसके जगह वे हर जिले में खुलने वाले ट्रेनिंग स्कूल में एक महीने तक प्रशिक्षण लेंगे। इस दौरान में वे गाड़ी चलाने की सभी बारीकियों को समझ लेंगे। ट्रेनिंग स्कूल के सर्टिफिकेट के आधार पर ही लाइसेंस दिया जायेगा|
मगर सवाल है कि क्या ड्राइविंग स्कूल अब वसूली का अड्डा नहीं बन जायेगा? पुरे राज्य में मात्र 61 ड्राइविंग स्कूल खोलने की मंजूरी दी गयी है| सिर्फ ड्राइविंग सिखने के लिए लोग एक महीने अपने सभी कामों को छोड़ शहर का चक्कर तो नहीं काट सकते| जरुरी है कि सरकार ड्राइविंग स्कूल को हर प्रखंड मुख्यालय में खोलने की मंजूरी दे और स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धा प्रोत्साहित किया जाये, ताकि घूसखोरी पर लगाम लगे और लोगों को नए व्यवस्था का फायदा मिले|
खुलने वाले 61 ट्रेनिंग स्कूल
अररिया, अरवल, बांका, बक्सर, जमुई, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नवादा, सहरसा, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल व गोपालगंज में एक-एक स्कूल खोलने पर काम चल रहा है। वहीं, पटना, मुजफ्फरपुर, गया, पूर्णिया व भागलपुर में तीन-तीन तो वैशाली, सीवान, समस्तीपुर, रोहतास, मोतिहारी, दरभंगा, बेतिया, भोजपुर, औरंगाबाद, बेगुसराय, गोपालगंज, मधुबनी व नालंदा में दो-दो ड्राईविंग ट्रेनिंग स्कूल खुलेंगे।