बिहार के कई जिलों में बाढ़ का हाई अलर्ट, मौसम विभाग द्वारा 110 गांवों को किया गया अलर्ट
अगले पांच दिनों तक तेज बारिश के संकेत हैं, वहीं नेपाल के पोखरा और भैरवां में भी अब तेज बारिश हो रही है।
मानसून के दस्तक देने के साथ ही बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नेपाल और आसपास के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण उत्तर बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों की चिंता बढ़ गई है। गुरुवार को बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक, गंगा समेत अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान से नीचे रहीं, पर शुक्रवार से एक बार फिर जलस्तर में वृद्धि के साथ खतरा बढ़ने की आशंका है। इसको लेकर मौसम विभाग ने भी अलर्ट जारी कर रखा है।
शुक्रवार को भी राजधानी पटना सहित कई अन्य जिलों में हल्की-हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग ने भी बारिश और बाढ़ के मद्देनजर उत्तर बिहार के 16 जिलों को अलर्ट पर रखा है। वहीं, कटिहार, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर में नदियों के पानी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। कई नदियां तो खतरे के निशान के करीब आ गई हैं।
नेपाल में भारी बारिश और हिमालय के तराई क्षेत्रों में वर्फबारी शुरू हो गई है। नेपाली मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटे में भैरवां में 63 व पोखरा में 60 एमएम बारिश हुई है। इससे नेपाल बराज में पानी लबालब हो गया है। नेपाल में 9 जुलाई तक लगातार बारिश की संभावना बताई गई है। ऐसे में सुरक्षा को लेकर जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने ग्रामीणों और अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। सभी तटबंधों पर चौकसी बढ़ा दी गई है।
गंडक और बागमती के जलस्तर में वृद्धि जारी
मंगलवार को बागमती और गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी रही। बागमती नदी कटौझा और हायाघाट में खतरे के निशान से ऊपर बहती रही। वहीं, बूढ़ी गंडक समेत अन्य नदियों का जलस्तर स्थिर रहा। इसी बीच सुबह 10 बजे वाल्मिकीनगर बराज से 83,500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसकी जानकारी मुख्य अभियंता शांति रंजन शर्मा ने दी हैं। पश्चिम चंपारण में सिकरहना व पंडई के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। भारी बारिश से पूर्वी चंपारण में बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है।
हालांकि बेनीबाद में बागमती का जलस्तर 48.26 मीटर पर रहा जो लाल निशान की ओर बढ़ रहा है। यहां लाल निशान 48.68 मीटर पर है। वहीं सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर 46.16 मीटर रिकार्ड किया है। तटबंधों पर जलदबाव और रेन कट के खतरे को देखते हुए हुए मुजफ्फरपुर के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कटरा में बागमती तटबंध का जायजा लिया।
63 एमएम हुई बारिश
नेपाल में भारी बारिश और हिमालय के तराई क्षेत्रों में वर्फबारी शुरू हो गई है। नेपाली मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटे में भैरवां में 63 व पोखरा में 60 एमएम बारिश हुई है। इससे नेपाल बराज में पानी लबालब हो गया है। नेपाल में 9 जुलाई तक लगातार बारिश की संभावना बताई गई है। अगले पांच दिनों तक तेज बारिश के संकेत हैं। वहीं नेपाल के पोखरा और भैरवां में भी अब तेज बारिश हो रही है।
गंगा के जलस्तर में 22 सेमी की उछाल
मुंगेर में भी 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में वृद्धि देखी गई है। पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 22 सेमी की बढ़ोत्तरी हुई है। जानकारी के अनुसार, प्रति घटे डेढ़ सेंटीमीटर की रफ्तार से गंगा में जलस्तर बढ़ रहा है। जिले में 34.14 मीटर त गंगा का जलस्तर पहुंच चुका है। फिलहाल, खतरे के निशान 39.33 से 5 सेंटीमीटर नीचे बह रही है गंगा नदी। वहीं, गंगा में लगातार जलस्तर की वृद्धि के मद्देनजर जिलाधिकारी राजेश मीणा ने अधिकारियो को कई निर्देश दिए हैं। डीएम ने गंगा किनारे बसे गांव में हो रहे कटाव को लेकर होमगार्ड व चौकीदार को प्रतिनिययुक्ति कर निगरानी करने का निर्देश दिया है।
कोसी बराज से 1.25 लाख क्यूसेक वाटर डिस्चार्ज
कोसी बराज से गुरुवार दोपहर 12 बजे 1.25 लाख क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया। वीरपुर (सुपौल) बराज पर जलस्तर बढ़ने की स्थिति में हैं। बराज व बराह (नेपाल) दोनों जगह जलस्तर बढ़ रहा है। बाढ़ प्रमंडल के अभियंता लगातार नदियों पर नजर रखे हुए हैं। सीतामढ़ी में बागमती नदी का जलस्तर कई स्थानों पर बढ़ रहा है। वृद्धि के बावजूद बागमती खतरे के निशान से नीचे है। बागमती नदी का जलस्तर ढ़ेंग व सोनाखान में बढ़ रहा है। चंदौली व कटौझा में जलस्तर में कमी आ रही है। अधवारा समूह की नदियों का जलस्तर सोनबरसा, पुपरी, सुंदरपुर में स्थिर है।
110 गांवों को किया गया अलर्ट
मौसम विभाग द्वारा जिले में भारी बारिश की चेतावनी के बाद संभावित बाढ़ की आशंका को लेकर प्रशासन द्वारा कुचायकेाट, गोपालगंज, मांझा, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर के तटवर्ती 110 गांवों को अलर्ट कर दिया गया है। नदी के नीचले हिस्से में बसे ग्रामीणों को ऊंचे स्थाना पर जाने को कहा गया है।