पूर्व बिहार की यह पहली सुपर फास्ट कैटेगरी की ट्रेन होगी, जिसमें यह सुविधा होगी
भागलपुर: अगले साल जनवरी 2017 से जब आप विक्रमशिला एक्सप्रेस में यात्रा करेंगे तो ट्रेन राजधानी जैसी फील देगी। राजधानी एक्सप्रेस के तर्ज पर इस ट्रेन में एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच लगाए जाएंगे। इससे जहां ट्रेन की स्पीड तो बढ़ेगी ही साथ ही झटके भी कम लगेंगे। पूर्व बिहार की यह पहली सुपर फास्ट कैटेगरी की ट्रेन होगी, जिसमें यह सुविधा होगी यानी 160 किमी की रफ्तार में भी नहीं लगेंगे झटके।
इसके लिए भागलपुर में कोच लगाने की तैयारी में वाशिंग पिट, रैक प्वाइंट व यार्ड की तैयारी की जा रही है।
160 किमी की रफ्तार में भी नहीं लगेंगे झटके
– एलएचबी कोच की खासियत यह है कि यह अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड में चल रही ट्रेन के लिए फिट है।
– इतनी स्पीड के बावजूद यात्रियों को तेज झटके का एहसास नहीं के बराबर होता है।
– हालांकि पटना से मुगलसराय के बीच अधिकतम 130 किमी की स्पीड में ही विक्रमशिला एक्सप्रेस को चलाने का अादेश पिछले सप्ताह मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने दिया था।
– अभी आईसीएफ कोच के साथ ट्रेन अधिकतम 110 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ही चल सकती है।
टॉयलेट में होगा जंजीर, खींचने पर बंद हो जाएगा दरवाजा, गार्ड आकर खोलेंगे
– रेल अधिकारियों ने बताया कि एलएचबी कोच में जंजीर खींचना आसान नहीं होगा। क्याेंकि टॉयलेट में ही जंजीर लगे होंगे।
– जंजीर खींचने पर टॉयलेट का दरवाजा बंद हो जाएगा। जिसे गार्ड या आरपीएफ स्टाफ आकर खोलेंगे। इन दोनों के पास एक पासवर्ड होगा।
– जिसकी मदद से लॉक टायलेट को खोला जाएगा। टॉयलेट में फंसे यात्री से जंजीर खींचने की वजह पूछी जाएगी।
– वजह सही नहीं होने पर तुरंत रेलवे एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाएगा।
– इससे बार-बार वैक्यूम से अवरुद्ध परिचालन को सुचारू करना आसान हो जाएगा।
चलती ट्रेन में सिर्फ चाय
– एलएचबी कोच लगाए जाने के बाद पैंट्रीकार सुविधा खत्म कर दी जाएगी। ई-कैटरिंग सुविधा इसमें दी जाएगी।
– यात्री से आर्डर लिये जाएंगे। यात्री स्वयं भी मोबाइल से कॉल कर या एसएमएस कर खाने का ऑर्डर कर सकते हैं।
– चलती ट्रेन में सिर्फ चाय की सुविधा ही उपलब्ध हो सकेगी।
सीटों की संख्या बढ़ेगी
– रेल अधिकारियों ने बताया कि नई तकनीक आधारित एलएचबी कोच लगाए जाने से एक स्लीपर कोच में सीट की संख्या 72 से बढ़कर 76 हो जाएगी।
– थर्ड एसी में 64 से बढ़कर 72, सेकंड एसी में 46 से बढ़कर 58 और फर्स्ट एसी में 18 से बढ़कर 24 हो जाएगी। हालांकि एलएचबी कोच लगने से इसकी रैक में कमी हो जाएगी।
– अभी विक्रमशिला एक्सप्रेस में अधिकतम 24 कोच तक लगाए जा सकते हैं। लेकिन एलएचबी कोच अधिकतम 22 ही लगाए जा सकेंगे।
आईसीएफ के कारण विक्रमशिला में कंपन होती है तेज
– रेल अधिकारियों ने बताया कि आईसीएफ कोच सामान्य श्रेणी की है। इसमें सफर करने पर कोच में कंपन ज्यादा होती है।
– ट्रेन की गति के साथ अंदर शोर जैसा महसूस होता है। कोच के अंदर बर्थ की संख्या कम यानी 72 होती है।
– लेकिन इसमें अधिकतम 24 कोच लगते हैं। इसमें एक साथ 3 अनारक्षित कोच लगाए जाते हैं।
अभी किस ट्रेन में यह सुविधा
– बिहार से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में एलएचबी कोच की सुविधा सिर्फ राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस व दुरंतो में ही पहले दी गई थी।
– लेकिन रेलवे बोर्ड ने कुछ प्रमुख ट्रेनों में भी इस सुविधा का ऐलान किया था।
– जिसके तहत शुरुआती दौर में महाबोधि एक्सप्रेस, पूर्वा एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस और पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ट्रेनों के आईसीएफ कोच को एलएचबी कोच में बदल दिया गया है।