गया लोकसभा सीट: भाजपा की राजनीतिक पिच पर जदयू और हम में होगी कांटे की टक्कर
बिहार का गया जिला राज्य के दक्षिणी हिस्से में और झारखंड सीमा पर स्थित है | फल्गु नदी के तट पर बसा गया एक धार्मिक नगरी के रूप में दुनियाभर में विख्यात है | पितृपक्ष के अवसर पर यहां लाखों श्रद्धालु पिंडदान के लिए जुटते हैं | गया से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बोधगया जो बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है और यहीं बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी | महाग्रंथ रामायण में भी इस जगह का जिक्र मिलता है |
गया राजधानी पटना से 100 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। प्राचीन कल में गया मौर्य काल में एक महत्वपूर्ण नगर था। मध्यकाल में यह शहर मुगल सम्राटों के अधीन था।
कहा जाता है कि गयासुर नामक दैत्य का बध करते समय भगवान विष्णु के पद चिह्न यहां पड़े थे जो आज भी विष्णुपद मंदिर में देखे जा सकते है। 1787 में होल्कर वंश की साम्राज्ञी महारानी अहिल्याबाई ने विष्णुपद मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।
बिहार लोकसभा की 40 सीटों में गया लोकसभा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।भाजपा की मजबूत किले माने जाने वाली गया सुरक्षित सीट पर इस बार जदयू और हम के बीच मुकाबला हो रहा है |आरक्षित होने के चलते इस सीट को लेकर पार्टियों में काफी जद्दोजहद रहती है। इसबार गया सीट पर मांझी बनाम मांझी की लड़ाई होगी। एनडीए से यह सीट जदयू के खाते में है। इस सीट पर जदयू से पूर्व विधायक विजय मांझी उम्मीदवार है। वहीं पूर्व सीएम जीतन राम मांझी इस बार अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम माेर्चा (सेक्यूलर) ‘हम’ के उम्मीदवार के तौर पर चुनावी दंगल में भाग्य आजमाने उतरे हैं| इससे पहले इस सीट से महागठबंधन का राजद लगातार चुनाव लड़ता रहा है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
आरक्षित सीट होने के कारण गया की सियासत काफी अलग तस्वीर पेश करती है| आजादी के बाद 5 बार कांग्रेस इस सीट से जीतने में कामयाब रही है| फिर 1989 से जनता दल ने लगातार तीन बार यहां के चुनाव में धाक जमाई| 1998 और 1999 का चुनाव यहां से बीजेपी ने जीता| 2004 में आरजेडी के राजेश कुमार मांझी ने इस सीट को जीता था| इसके बाद 2009 और 2014 के चुनाव में बीजेपी के हरी मांझी ने यहां से जीत का परचम लहराया| बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी गया से विधायक रहे हैं और लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं|
गया सीट का समीकरण
यह इलाका नक्सल प्रभावित है | गया लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है | गया लोकसभा सीट पर वोटरों की कुल संख्या 16,98,772 है, इनमें से 8,79,874 पुरुष मतदाता हैं जबकि 8,194,05 महिला वोटर हैं |
गया संसदीय सीट के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- शेरघाटी, बाराचट्टी, बोधगया, गया टाउन, बेलागंज और वजीरगंज. इनमें से बाराचट्टी और बोधगया दोनों आरक्षित सीटें हैं | 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 3 सीटें आरजेडी जबकि 1-1 सीट बीजेपी-जेडीयू और कांग्रेस के खाते में गईं थी|
2014 चुनाव का जनादेश
16वीं लोकसभा के लिए 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में गया सीट से बीजेपी के हरी मांझी जीते थे| हरी मांझी को 326230 वोट मिले थे| दूसरे नंबर पर आरजेडी के रामजी मांझी रहे जिन्हें 210726 वोट मिले| तीसरे नंबर पर जीतनराम मांझी रहे जो जेडीयू के टिकट पर चुनावी मैदान में थे. जीतनराम मांझी को 131828 वोट मिले थे. चौथे नंबर पर जेएमएम के अशोक कुमार रहे जिन्हें 36863 वोट मिले| बीजेपी के हरी मांझी ने 2009 में भी इस सीट से जीत का परचम लहराया था|
– बिट्टू कुमार (लेखक गया जिला के निवासी हैं और वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के छात्र हैं)