आई लोभ यूह: वैलेंटाइन डे पर बबिता के लिए प्रेमपत्र

प्रिय बबिता जी,

सादर परनाम, पिछला प्रेम पत्र बबलुआ के हाथ धराये थे, पर अभी तक आपका कोई जवाब नहीं आया है, आपके इंतजार में हम सुख के एकदम लमनचूस हो गए हैं, मन करता है नीला थोथा घोंट के परान दे दें।

पिछला सतरह बार से हम अपने बायें हाथ के नस को लालटेन के शीशा से काट-काट के आपको पत्र भेज रहे थे, पर आप तो मक्खी बनकर एक बार भी नहीं भनभनाई।

आपका एक बार भी नहीं भनभनाने का संकेत है कि आपका चक्कर परमोदवा से चल रहा है। पिछला महीना रजुआ मिला था तो बोल भी रहा था, बबिता का ध्यान रखा करो नहीं तो तुम्हारे जीवन रेखा से प्रेम रेखा डाइनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगा।

पर हमें आपके ऊपर पाइथागोरस थियोरम की तरह विश्वास था, हम सोच लिए थे कि आप हमारे जीवन में कभी न कभी दसवीं परीक्षा का सात नम्बर वाला सवाल बनकर आएंगी, और हम परीक्षा में टॉप कर जाएंगे। पर इस बार पास होना भी मुश्किल लग रहा है….

आपका इंटरमीडिएट का परीक्षा चल रहा है, शुरू होने से पहले ही हम पटना का हनुमान मंदिर में चार किलो नैवेधम लड्डू चढाये थे। उम्मीद है एह बेर फर्स्ट डिवीज़न आ जाओगी पर रजुआ कह रहा था कि आप बायोलॉजी का परीक्षा पपुआ के साथ, फिजिक्स का परीक्षा सुनिलवा के साथ, और केमिस्ट्री का मिथुनवा के साथ देने गयी थी और छुट्टी के समय सबके साथ पंजबिया का मशहूर चाट और जसपलवा का गोलगप्पा काटी हो।

क्या जरूरत था पपुआ, सुनिलवा और मिथुनवा का, हमको एक बार कह देती हम आ जाते परीक्षा दिलाने। वैसे भी पंजबिया से अच्छा चाट तो बड़का चौक वाला महेंदर होटल का रहता है। उसका होटल का दही फुलेसर जादो के यहां से जम के आता है। अब तो यही बात हो गया ना भगवान को लड्डू चढ़ाए हम…और आप चाट पकौड़ा खाइये दूसरे संग।

देख के केहु और के….याद कईलु केहु और के,
इश्क खता रहल केहु और के….बरबाद कर देहलु केहु और के।।

अच्छा छोड़ते हैं अब गुस्सा, बहुत हो गया……हमारे घर से पनरह कदम दूर पर नया श्रृंगार का दुकान खुला है… ‘पारवती श्रृंगार स्टोर’ इसी में से आपके लिए गोल्डन रंग का रोलगोल वाला झुमका खरीदे हैं। आपके ऊपर एकदम शूट करेगा। इसे प्यार का उपहार समझियेगा हमारे तरफ से।

सब कुछ मिलल सुकून के दौलत न मिलल,
एक तोहरे भूल जाए के मोहलत न मिलल |
करे के तो बहुते काम रहल अपनों खातिर,
मगर तोहरे ख्याल से कभी फुर्सत न मिलल|

अच्छा, सुने हैं कि आपका अंतिम परीक्षा गणित विषय का है, हम परसो दोपहर लोकल ट्रैन पकड़ के आ रहे हैं गांव….आपको गणित वाला परीक्षा दिलाने और आपको उस दिन झुमका पहिन के परीक्षा देने आना पड़ेगा, हम देखना चाहते हैं कि झुमका आपके ऊपर कितना खूबसूरत लगता है।

और खबरदार….जो आप पपुआ, सुनिलवा या मिथुनवा के साथ नजर भी आईं तो हम उसी समय ट्रक के नीचे अपना देह बिछा देंगे।
हां नहीं तो…!

हम सिंटुआ के पान दुकान के पास मोटरसाइकिल ले के आपका इंतजार करेंगे, आप पीछे से आइयेगा और हमारे कमर पे हांथ फंसा के चुपचाप बैठ जाइयेगा, हम साइड मिरर से आपको झुमके के साथ देखते रहेंगे….और आप लजा के कहिएगा गाड़ी ठीक से चलाइये अभिषेक बाबू परीक्षा सेंटर पे डेढ़ घण्टा पहले पहुंचना है।

फिर हम आपको आश्वस्त कराते हुए कहेंगे घबराइए नहीं बबिता जी कल रात हम दिनेश माटसाब के घरे गए हुए थे खर्चा पानी देने के साथ आपका रोल नम्बर और रोल कोड भी लिखवा दिए हैं। उनका गार्डिंग आपका ही सेंटर पे मिला है। आपको सारा प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा…वैसे भी गणित आपका सब्सिडियरी विषय है….बायोलॉजी से कम नम्बर ही रहना चाहिए नहीं तो पता चला आपका रिजल्ट गणित से हो गया है।

अंदर घुसते वक़्त आप हमको देख कर हौले से मुस्कुराइयेगा और हम वही मुस्कान में खो कर भूखे प्यासे छुट्टी तक स्कूल किनारे वाला बरगद पेड़ के पास आपका इंतजार करेंगे, आप स्वैग में परीक्षा हॉल से निकलिएगा और मेरे करीब आकर कहिएगा….का हो अभिषेक बाबू….आपका तो बहुते तगड़ा लिंक है माटसाब से….आप त इतना न ध्यान दे दिए हमारे ऊपर कि लगता है हमारा रिजल्ट गणित से होना तय है।

और हम आपको साइड मिरर में देखते हुए कहेंगे ”इसीलिए कहते हैं परमोदवा और मिथुनवा के चक्कर मे मत रहा करिये” दोनों का खुदे देवनारायण के बेटी संगे चक्कर चल रहा है…..

आप फिर से मेरे कमर में अपना हाथ फंसाइयेगा और थोड़ी देर में हम कश्मीरी ढाबा के पास होंगे जो जसपलवा से भी बेजोड़ गोलगप्पा खिलायेगा। मटर के दाना डाल के खिलाता है। खट्टी-मीठी चटनी के साथ।

वहां से फिर वापस हम आपको सिंटुआ के पान दुकान के पास उतार देंगे और आप जाते वक्त अपने आंख में समुंदर भर पानी पसार के कहिएगा ‘अभिषेक बाबू आई लोभ यूह’

और हम मुस्कुराते हुए कहेंगे अच्छे से घर चहुँप जाइयेगा और अगर गणित से रिजल्ट हुआ तो दिनेश माटसाब के घरे पांच किलो मिठाई जरूर भेजवा दीजियेगा।

चलिये अब पन्ना मोड़ते हैं, ढेर बखान हो गया, राजू पेपर वाला रोज की तरह आपके घर दैनिक जागरण फेंकेगा, पर कल दैनिक जागरण के साथ में मेरा प्रेम पत्र भी होगा। आप सुबह सवेरे दुनिया, राजनीति, और चुनाव की ताजा खबरों को दरकिनार करते हुए अपना प्रेम भरा ताजा खबर चुरा लीजिएगा। हम समझ लेंगे कि आपने मेरा दिल चुराया है।

आपके लिए ढेर सारा मोहब्बत और प्यार अपना और झुमका दोनों का ख्याल रखिएगा, झुमका सलामत रहे तो समझिएगा हम भी सलामत हैं। और हाँ आपके प्रेम पत्र का इंतजार रहेगा, प्रेम पत्र का इंतजार आपका इंतजार लगता है।

आपका अपना अभिषेक
लोभ यूह बबिता ❤❤
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– अभिषेक आर्यन

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