हिंदी भाषियों के मंच से ही राज ठाकरे ने हिंदी में बिहार-यूपी के लोगों को धमकाया
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे की पूरी राजनीति और राजनीतिक अस्तित्व सिर्फ बाहरी लोगों के विरोध पर आधारित रही है| चचेरे भाई और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या जाने के बाद से राज ठाकरे पर दबाव और बढ़ गया है| इसी क्रम में राज ठाकरे ने उत्तर भारतीय पंडों से आशीर्वाद मांगा है|
रविवार को मुंबई के कांदिवली पश्चिम के भुराभाई हॉल में राज ठाकरे के साथ सीधा संवाद कार्यक्रम का आयोजन उत्तर भारतीय महापंचायत ने किया था। मनसे मुखिया के स्वागत के लिए काफी तैयारी भी की गई थी। काशी से खास तौर पर 21 पंडित बुलाए गए थे, जिन्होंने मंत्रोचार के साथ मंच पर न सिर्फ राज ठाकरे का स्वागत किया, बल्कि पवित्र नदियों के जल से आचमन भी कराया|
राज ठाकरे ने हिंदी में अपना भाषण शरू किया| संभवतः ठाकरे का यह पहला हिंदी में भाषण था| मगर हिंदी भाषियों के मंच से ही, उन्हीं के भाषा में ठाकरे ने उनको धमकाना शरू कर दिया| उन्होंने कहा,
”हिंदी में पहली बार भाषण दे रहा हूं| कुछ गलतफ़हमियां भाषा के अनुसार आपके बीच में भी होंगी, जो सच है, सच तो कड़वा होता है, लेकिन मुझे लगता है कि आपको समझना चाहिए..
बिहार और उत्तर प्रदेश से काम करने के लिए बड़ी संख्या में लोग महाराष्ट्र जाते हैं, जिनके बारे में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का रवैया आक्रामक रहा है| राज्य में कई बार ऐसे मौके आए जब उत्तर भारतीयों को मनसे के कार्यकर्ताओं ने मारा-पीटा है| रेलवे की परीक्षा के दौरान और फेरी वालों के साथ मुंबई में हुई घटनाओं के लिए राज ठाकरे ने मनसे कार्यकर्ताओं के हरकतों को सही बताया है|
उन्होंने कहा, ”मुंबई आने वाले लोगों में अधिकांश लोग यूपी, बिहार, झारखंड और बांग्लादेश से हैं। मैं सिर्फ यह चाहता हूं कि अगर लोग आजीविका की तलाश में महाराष्ट्र आ रहे हैं, तो उन्हें स्थानीय भाषा और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा, ”जब भी मैं अपना पक्ष रखता हूं जिससे यूपी और बिहार के लोगों के साथ विवाद हो जाता है, तो हर कोई मेरी आलोचना करता है। लेकिन हाल में गुजरात में बिहारी लोगों पर हुये हमलों के बाद, किसी ने भी सत्तारूढ़ दल (भाजपा) या प्रधानमंत्री (जिनका गृह राज्य गुजरात है) से सवाल नहीं किया।
उन्होंने कहा, ”इसी तरह के विरोध असम और गोवा में भी हुये। लेकिन मीडिया ने उसे कभी भी तरजीह नहीं दी। लेकिन मेरे विरोध को हमेशा ही मीडिया में बढ़ा-चढ़ाकर कर पेश किया जाता है।
ठाकरे ने कहा,उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने देश को वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (जो वाराणसी से सांसद हैं) सहित कई प्रधानमंत्री दिए हैं। आप में से कोई उन नेताओं से क्यों नहीं पूछते कि उनका राज्य औद्योगीकरण में पीछे क्यों छूट रहा है और क्यों वहां कोई रोजगार नहीं मिल रहा है।