पिछले साल का लोकसभा चुनाव याद ही होगा कि कैसे कन्हैया कुमार के बेगूसराय सीट पर उम्मीदवारी को लेकर तेजस्वी ने वामदल के साथ गठबंधन नहीं किया था| यही नहीं, राजद ने उस सीट पर एक मजबूत मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देकर कन्हैया को हरवा दिया था| मगर इस साल आने वाले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार एक मंच पर दिख सकते हैं|
खबर है कि सत्ताधारी पार्टी को विधानसभा चुनाव में पटखनी देने के लिए महागठबंध में वामदलों का सामिल होना तय है| इसको लेकर सीपीआइ के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की दूसरे चरण की बातचीत हो चुकी है| राम नरेश पाण्डेय ने कहा है कि कन्हैया कुमार को जरूरत पड़ी, तो विधानसभा चुनाव में उतारा जा सकता है| प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भी कहा कि कम्युनिस्ट दल हमारे स्वाभाविक सहयोगी हैं| हम लोग मतभेद भुला कर मिल कर चुनाव लड़ेंगे|
कन्हैया कुमार सीपीआई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं, इसलिए पार्टी के तरफ से उनका स्टार प्रचारक बनना तय है| इसी कारण से कहा जा रहा है कि कन्हैया कुमार और तेजस्वी यादव एक मंच पर दिख सकते हैं| ज्ञात हो कि अब तक तेजस्वी यादव कन्हैया के साथ मंच शेयर करने से परहेज करते आयें हैं| राजनितिक गलियारों में कहा जाता है कि तेजस्वी यादव मानते हैं कि भविष्य में कन्हैया कुमार उनके प्रतिद्वंदी के तौर पर उभर सकते हैं|
तेजस्वी यादव और कन्हैया, दोनों फेमस नेता हैं| दोनों की प्रतिक्रिया मिडिया में जगह बनाती है| इन दोनों नेता के साथ आने से महागठबंधन को फायदा होना तय है मगर सवाल है कि एक म्यान में दो तलवारें कब तक रहेगी?