बिहार की मछलियों का चाेइंटा गंगा नदी और समुन्द्र के रास्ते जापान होगा निर्यात

इसके लिए बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ (कॉफ्फेड) ने जापानी कंपनी निजोना कारपोरेशन से करार किया है

बिहार से मछली का चाेइंटा (फिश स्कैल) जापान भेजा जाएगा। इससे राज्य के मछुआरों को सालाना 50 करोड़ से अधिक मिलने की उम्मीद है। बिहार में उत्पादित होने वाली मछलियों के चाेइंटा को खरीदने में जापान की कई कंपनियां उत्साह दिखा रही है। इसके लिए बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ (कॉफ्फेड) ने जापानी कंपनी निजोना कारपोरेशन से करार किया है। रोहू, कतला, मृगल, ग्रास कार्प और कॉमन कार्प का चाेइंटा भेजा .जाएगा। इन मछलियों में 2 प्रतिशत सूखा चाेइंटा निकलता है। 70 रुपए प्रति किलो की दर से जापानी कंपनी खरीदेगी।

जुलाई से कोलकाता की जगह पटना के गायघाट से सीधे नदी और समुद्र के रास्ते मछली के चोइंटा को जापान भेजा जाएगा। व्यापारियों को कोलकाता तक माल भेजने के लिए अलग से किराया देना पड़ता था। लेकिन अब बिहार से सीधे जापान के लिए माल बुक होने पर व्यापारियों को प्रति किलो 10 रुपए की बचत होगी। जलमार्ग से परिवहन पर जीएसटी नहीं लगती है इसलिए किराए के साथ-साथ पानी वाले जहाज से माल भेजने पर कोरोबारियों को प्रतिकिलो 40 रुपए की अतिरिक्त बचत होगी। बिहार के 38 जिलों के मछली कारोबार से जुड़े लोगों को इसका लाभ मिलेगा।

“कॉफ्फेड के एमडी ऋषिकेष कश्यप ने कहा कि मछुआरों से मछली का चाेइंटा लेकर जापानी कंपनी को बेचने का करार हुआ है। जापानी कंपनी प्रति किलो 70 रुपए देगी। इसमें मछुआरों को लगभग 53 रुपए प्रति किलो कीमत मिलेगी।”

यह भी पढ़ें: बिहार खादी के ब्रांड एंबेसडर बने बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता पंकज त्रिपाठी


जापानी कंपनी नीजोना से हुआ करार

बिहार की मछली के चोईया से प्रोटीन का निर्माण किया जाता है। जापान सरकार मछली के चोइयां से प्रोटिन बनाएगी जो कि स्कीन के लिए काफी काफी फायदेमंद होता है। रोहू, कतला, मृगल, ग्रास कार्प और कॉमन कार्प का चोइयां भेजा जाएगा। इन मछलियों में 2 प्रतिशत सूखा चोइयां निकलता है। हृदय, फेफड़ा, स्कीन आदि की दवा इससे बनाई जाती है। जापान में लोग मछली की चोइयां से बने खाद्य पदार्थ का उपयोग बहुत चाव से करते हैं। जापान में मछली की चोइयां की कीमत लगभग 1000 रुपए किलो है।

2019-20 में रिकॉर्ड 6.42 लाख टन मछली उत्पादन

बिहार मछली की जरूरत पूरा करने में लगभग आत्मनिर्भर हो गया है। 2019-20 में राज्य में मछली का रिकॉर्ड 6.42 मछली उत्पादन हुआ है। 2018-19 की तुलना में 40 हजार टन अधिक मछली उत्पादन हुआ। मत्स्य निदेशालय ने मछली उत्पादन का राज्य भर से आंकड़ा लेकर तैयार कर लिया है। पिछले साल राज्य में मछली की खपत 6.42 लाख टन अनुमानित था, लेकिन इस साल खपत बढ़ सकती है। पिछले 5-6 साल में राज्य में मछली उत्पादन लगभग दोगुना हो गया।

हर माह चार कार्गो जहाज से चोइंटा जापान भेजा जाएगा

कॉफ्फेड हर महीने जापान भेजेगा मछली का चोइंटा। इस 15 से 18 के सफर में जहाज पहले यह पटना गायघाट जाएगा फर गंगा और फरक्का के रास्ते कोलकाता पहुंचेगा, जहां से हावड़ा होते हुए समुद्र के रास्ते जापान पहुंचेगा। पटना से कोलकाता का सफर जहाज 3 से 4 दिन में तय करेगा।


यह भी पढ़ें: क्या बिहार में फिर शुरू होगी शराब की बिक्री?


Search Article

Your Emotions