इजरायल ने बना लिया कोरोना वायरस की दवा, रक्षा मंत्री ने इसके वैक्सीन बनाने का किया दावा
टिका बन के पूरी तरह तैयार हो चुका है, अब बस इसके पेटेंट करवाने की प्रक्रिया चल रही है
चीन के वुहान शहर से शुरू कविड-19 महामारी का आतंक से पूरी दुनिया परेसान है| दुनिया में लाखों लोगों की जान जा चुकी है और हर रोज़ हजारों लोग अभी भी मर रहे हैं| इस महामारी ने गरीब से लेकर अमीर देशों में अपना कहर बरपाया है| दुनिया कि सबसे शक्तिशाली मुल्क भी इस बीमारी आगे घुटना टेक चुका है|
इस बीमारी के इलाज़ के लिए सभी देश में प्रयोग हो रही है| अमेरिका से लेकर यूरोप तक इसका टिका विकसित करने में लगा है| इस बीच एक बड़ी उम्मीद कि खबर आ रही है| अपनी आधुनिक टेक्नोलॉजी के लिए मशहूर मुल्क इजरायल ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन बना ली है|
इजरायल के रक्षा मंत्री नफ्ताली बेनेट के अनुसार देश के मुख्य जैविक अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के लिए एक एंटीबॉडी विकसित करने में “महत्वपूर्ण सफलता” हासिल की है|
उन्होंने कहा, “हमारी टीम ने कोरोना वायरस को खत्म करने के टीके के विकास का चरण पूरा कर लिया है और अब इसके पेटेंट और बड़े पैमाने पर संभावित उत्पादन के बारे में काम चल रहा है|”
इज़राइल के इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च (IIBR) की लैब्स में विकसित यह टिका वायरस पर अटैक करता है और उसे शरीर में बेअसर कर देता है|
जैसा कि इज़राइल दावा कर रहा है, टिका बन के पूरी तरह तैयार हो चुका है| अब बस टिका को पेटेंट करवाने की प्रक्रिया चल रही है| अगर इजराइल का दावा सच साबित होता है तो पूरी दुनिया के लिए यह संजीविनी साबित हो सकता है| लाखों लोगों कि जिन्दगी बच सकती है और दुनिया का बाज़ार पहले कि तरह फिर से खुल जाएगी|
जानें इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च (IIBR) के बारे में
गौरतलब है की टिका के अविष्कार का दावा करने वाली संस्था IIBR की स्थापना वर्ष 1952 में इज़राइल डिफेंस फोर्सेज साइंस कॉर्पस के एक भाग के रूप में हुई थी| बाद में इसे नागरिक संगठन बना दिया गया| यह इजराइल के प्रधानमंत्री के देख रेख में काम करती है मगर देश के रक्षा विभाग इसके काम की मोनेटरिंग करता रहता है|
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ज्ञात हो कि हाल ही में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 1 फरवरी को संस्थान को COVID-19 के लिए एक वैक्सीन विकसित करने का आदेश दिया था| जिसके बाद इज़राइली अखबार Ha’aretz ने मेडिकल स्रोतों के हवाले सेछापी थी कि इस संस्थान के वैज्ञानिकों ने जैविक तंत्र और वायरस के गुणों को समझने में अहम सफलता हासिल की है|