कोटा में फसे छात्रों के लिए यूपी सरकार द्वारा बसें भेजकर उसे वापस अपने राज्य लाने के बाद देश के दुसरे राज्यों ने अपने बच्चें को या तो वापस बुला लिया, नहीं तो वापस लाने की तैयारी में है| लगभग दर्जन भर प्रदेशों की सरकारों ने अपने बच्चों को कोटा से बसें भेजकर वापस बुला लिया।
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने अपने 2800 छात्रों और गुजरात की भाजपा सरकार ने भी 350 छात्रों को बसें भेजकर वापस बुला लिया। मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने अपने 2800 छात्रों और गुजरात की भाजपा सरकार ने भी 350 छात्रों को बसें भेजकर वापस बुला लिया।
कोटा के एडीएम नरेंद्र गुप्ता के अनुसार, दादर -नगर हवेली के 50 बच्चे बसों में भरकर गुरुवार को घरों को वापस चले गये। द्वीव के 6 बच्चे भी लौट गए। शुक्रवार को 49 बसों में भरकर राजस्थान के विभिन्न शहरों के छात्र घर लौटे। हरियाणा के फंसे 800 बच्चों की भी घर वापसी हो गई। हरियाणा के बच्चे 31 बसों के जरिए अपने घर पहुंचे। 18 बसें भेजकर असम सरकार ने भी 400 अपने बच्चों को घर बुला लिया।
मगर नीतीश कुमार के जिद के कारण सिर्फ बिहार के बच्चे को कोटा में अकेले छोड़ दिया है| हालत यह है कि इसके लिए अभिवावकों को कोर्ट तक का दरवाज़ा खटखटाना पड़ रहा है| रुवार को एक याचिका पर पटना हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया है कि 5 दिनों के अंदर इस मामले पर जवाब दें। अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी। इतने राज्यों द्वारा अपने बच्चों को बुलाने के बाद भी बिहार सरकार लॉकडाउन के सिधांत की दुहाई दे रही है|
आखिरकार राजस्थान की सरकार ने ही अपने तरफ से पहल की है और बिहार के छात्रों के लिए परमिट जारी कर रही है| लेकिन छात्रों को कोटा से वाहन नहीं मिल रहे| वाहनों के लिए छात्र परेशान हैं| कोटा में वाहन उपलब्ध नहीं हैं, जिसकी वजह से जो उपलब्ध हैं, वे काफी अधिक रकम की मांग कर रहे हैं| ऐसे में अब राजस्थान सरकार ने फैसला किया है कि बिहार के छात्रों को उनके राज्य पहुंचाने के लिए बसें लगाई जाएंगी, मगर वह ऑन पेमेंट होगा|