कोरोना वायरस को लेकर बिहार में एक अलग ही स्तर की लापरवाही देखने को मिल रही है| कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज के मौत की लगातार खबर आ रही है| होश उड़ाने वाली बात यह है कि मरीज के मरने के बाद उसका टेस्ट के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं और मरने के बाद उसका रिपोर्ट आ रहा है|
अभी खबर आ रही है कि एक और संदिग्ध मरीज की मौत हो गई है। बिहार के प्रमुख अख़बार दैनिक जागरण ने दावा किया है कि उस मरीज का टेस्ट रिपोर्ट आना बाकी है।
दैनिक जागरण के मुताबिक ये संदिग्ध मरीज नालंदा जिले के पावापुरी स्थित वर्धमान मेडिकल कॉलेज में भर्ती था। इस सन्दिग्ध मरीज की रात 11.30 बजे मौत हो गई है। मरीज की मौत के बाद उसके ब्लड के सैंपल को जांच को भेजा गया है।
हालांकि विम्स के डॉ पुरुषोत्तम ने बताया है कि 50 वर्षीय मरीज पहले से इम्पाइमा (फेफड़े में पस होना) से ग्रसित था। कोरोना के संक्रमण की जांच के लिए उसका ब्लड सैम्पल पहले ही पटना भेजा जा चुका था। रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
ये कोई पहला मामला नहीं है| दो दिन पहले ही Aapna Bihar ने ऐसा ही मामला प्रमुखता से उठाया था| गया में एक संदिग्ध की मौत के बाद जब उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा था, तब डॉक्टर उसका सैंपल लेने पहुंचे। डॉक्टरों ने चिता पर रखे शव से सैंपल लिया था।
कतर से लौटे मोहम्मद सैफ की मौत कोरोना वायरस से होने वाली बिहार में पहली मौत थी| मगर उस मामले में भी उसके मरने बाद बताया गया कि उसका रिपोर्ट पॉजिटिव आया है| यही नहीं उसके लाश को भी लापरवाही के साथ उसके परिवार को जबरदस्ती दे दिया गया|
पूरे मामले को समझना है तो जरा बिहार सरकार द्वारा कोरोना वायरस के टेस्ट का आंकड़ा को एक बार देखिये| बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को इससे संबंधित आंकड़ा जारी किया । इन आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में अब तक कुल 194 लोगों का सैम्पल लिया गया, जिसमें 175 लोगों का रिजल्ट निगेटिव पाया गया।
यानी बिहार की आबादी 10 करोड़ से व ज्यादा है मगर की जा रही टेस्ट की संख्या बिहार के एक जिले के लिए भी काफी नहीं है| कम टेस्ट हो रहे हैं| जो टेस्ट हो रही है उसका रिपोर्ट देरी से आ रहे हैं और इसी कारण कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या कागज़ पर कम है| जो लोग मर रहें है उसका वजह उसके अंतिम संस्कार के बाद परिवार को पता चल रहा है, संभव है की परिवार भी संक्रिमित हो और उसके साथ पूरा समाज| सवाल है कि राज्य और केंद्र सरकार बिहार को लेकर इतना लापरवाह कैसे हो सकते हैं? करोड़ों लोगों की जिन्दगी खतरे में डाला जा रहा है|