रविश कुमार: बिहार के नौजवानों के सत्यानाश का सर्टिफिकेट देखिए
यह बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का ट्विट है. जे एन यू को लेकर किए गए ट्वीट की यह भाषा बताती है कि युवाओं को भोथरा करने का प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है. जिस बिहार की सारी यूनिवर्सिटी कूड़े के ढेर में बदल चुकी है वहां के उप मुख्यमंत्री का एक यूनिवर्सिटी को लेकर ऐसी भाषा में ट्विट आया है. क़ायदे से वो बता सकते थे कि बिहार में उन्होंने कौन सी ऐसी यूनिवर्सिटी बनाई है जो जे एन यू से बेहतर है.
बिहार में कई यूनिवर्सिटी में आज भी तीन साल का ही बीए पांच साल में हो रहा है. समय पर रिज़ल्ट नहीं आता. सुशील मोदी को पता है कि धर्म और झूठ की अफ़ीम से अब बिहार के नौजवानों की चेतना ख़त्म की जा चुकी है. वहां के युवा अपने मां-बाप के सपनों के लाश भर हैं. वर्ना आज बिहार के चप्पे-चप्पे में अच्छी यूनिवर्सिटी को लेकर जे एन यू से बड़ा आंदोलन हो रहा होता. तभी सुशील मोदी उन्हें जे एन यू के बारे में नफ़रत बांट रहे हैं. उन्हें पता है लाश में बदल चुके बिहार के युवाओं को सिर्फ़ नफ़रत चाहिए.
गोदी मीडिया और व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी ने बिहार की यूनिवर्सिटी को मोर्चुरी में बदल दिया है. वरना सुशील मोदी इस भाषा में ट्वीट नहीं करते. वे बिहार के ज्ञानदेव आहूजा हैं. जिन्होंने जे एन यू में कॉन्डम फेंके होने का बयान दिया था. हिन्दी प्रदेश एक अभिशप्त प्रदेश है. वहां के युवाओं की राजनीतिक चेतना के थर्ड क्लास होने का प्रमाण है सुशील मोदी का यह शानदार ट्विट.
– रविश कुमार, भारतीय पत्रकार