बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी नदीम भारत के 296वें टेस्ट खिलाड़ी बनें
बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी व बाद में झारखंड में बसने वाले युवा क्रिकेटर शाहबाज नदीम के भारतीय टेस्ट टीम में चुने जाने पर उनके परिवार में खुशी का माहौल है।
बिहार के लाल शाहबाज नदीम को आखिरकार कड़ी तपस्या का फल मिल ही गया रांची टेस्ट में शाहबाज़ नदीम टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले झारखंड के तीसरे खिलाड़ी बनें आस-पास के लोग उनके घर पहुंच बधाई दे रहे हैं।
स्पेशल ब्रांच के डीएसपी पद से सेवानिवृत्त नदीम के पिता जावेद महमूद बेटे की इस उपलब्धि से खासे उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि भारत के लिए खेलने का जो वादा नदीम ने किया था उसे आज पूरा कर दिया। वे बताते हैं कि बेटे ने जब पहली बार बल्ला पकड़ा था, तब वे बहुत नाराज हुए थे। उसके बल्ले को जला दिया था। तब उसने वादा किया था कि वह भारत के लिए खेलकर दिखाएगा। उसके जुनून को देखकर बाद में उसे प्रोत्साहित किया। आज उसने मेरा सपना पूरा कर दिया।
शहर के बिंदेश्वरी कंपाउंड मोहल्ला निवासी नदीम की मां हुस्न आरा भी बेटे की उपलब्धि पर खुश हैं। वह कहती हैं कि मेरे दोनों बेटे क्रिकेट खेलते हैं। बड़े बेटे अशहद इकबाल ने खेल छोड़ दिया। भारत के लिए खेलने के नदीम के जुनून ने ही उसे इस मुकाम तक पहुंचाया है। उनको अपने बेटे की उपलब्धि पर गर्व है।भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सीरीज तीसरे और अंतिम टेस्ट से पहले शाहबाज नदीम सुर्खियां बटोर रहे हैं।
टीम इंडिया के स्पिनर कुलदीप यादव शुक्रवार को कंधे की चोट के चलते टीम से बाहर हो गये जिसके चलते भारतीय चयनकर्ताओं ने लेफ्ट आर्म स्पिनर शाहबाज नदीम को भारतीय टीम में शामिल किया है। 30 साल के नदीम किसी भी प्रारूप में अनकैप्ड खिलाड़ी हैं लेकिन अब उनका चयन सीधा तीसरे टेस्ट की प्लेयिंग इलेवन में हो गया है।
यह ड्रीम डेब्यू नदीम के अंतरराष्ट्रीय करियर को नई उम्मीद देगा।नदीम मुख्य रूप से एक बाएं हाथ के स्पिनर हैं, लेकिन निचले क्रम में उपयोगी बल्लेबाजी करने में भी सक्षम हैं। नदीम को यह लगातार मजबूत घरेलू प्रदर्शन का इनाम मिला है। 2012/13 सीजन की शुरुआत के बाद से उन्होंने 235 रणजी ट्रॉफी विकेट लिए हैं जो प्रतियोगिता में किसी और से अधिक हैं और इस दौरान उनका गेंदबाजी औसत 25.17 का रहा है। हाल ही में भारत दौरे पर आई दक्षिण अफ्रीका ए टीम और वेस्टइंडीज दौरे पर गई भारतीय ए टीम के लिए नदीम ने शानदार गेंदबाजी करते हुए कई मैचों में जीत दिलाई थी।
अब तीस की उम्र को ध्यान में रखते हुए शाहबाज को उस छोटे से अवसर को भी भुनाना होगा जो उनको मिल रहा है। टीम इंडिया में इस समय जबरदस्त बेंच स्ट्रेंथ मौजूद हैं और जब इतने सारे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की मौजूदगी होती है तो चयनकर्ताओं के लिए सबको मौका देने की चुनौती होती है।ज्ञात हो कि बिहार में क्रिकेट असोसिएशन नही होने होने के कारण बिहार में पिछले 17 साल से क्रिकेट नही खेला जा रहा था जिस कारण से शहवाज जैसे सैकड़ो प्रतिभावान खिलाड़ी अन्य राज्य को पलायित हो गये ।
बिहार के कुछ प्रतिभावान युवा क्रिकेटर जो अपनी मेहनत की बदौलत क्रिकेट की दुनियां मे पहचान बना रहे हैं. नालंदा समस्तीपुर भागलपुर मुजफ्फरपुर जैसे छोटे शहरों से निकले ईशान किशन,अनकुल राय, सौरभ तिवारी, शाहबाज नदीम जैसे प्रतिभावान युवा खिलाड़ी अपनी मेहनत बदौलत सफल हो रहे है।
– सैयद आसिफ इमाम