गुरुवार को नई दिल्ली में नालंदा विश्वविद्यालय के गवर्निंग बोर्ड का 17वीं बैठक चांसलर डा. विजय भटकर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कई अहम फैसले लिए गायें| बैठक में इस शैक्षणिक सत्र (2019-20)में नालंदा विश्वविद्यालय में पी.एच.डी और पोस्ट डोक्टोरल प्रोग्राम्स शरू करने का निर्णय लिया गया है| इसके साथ ही पेशेवर लोगों के लिए पार्ट टाइम पी.एच.डी. कोर्स भी शुरू किया जायेगा|
इसके साथ ही तीन नये स्कूल खोले जाएंगे। स्कूल ऑफ सस्टेनेबल डेवलपमेंट में एमबीए की पढ़ाई होगी। वहीं स्कूल ऑफ बे ऑफ बंगाल स्टडीज और स्कूल ऑफ इंडिया-एशियन नेटवर्क ऑफ यूनिवर्सिटीज शुरू किये जाएंगे। सभी विषयों में पीएचडी, पोस्ट डॉक्टरल और शोघ के पाठ्यक्रम शुरू किये जाएंगे।
अभी यहां 4 स्कूल संचालित किये जा रहे हैं। स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज, स्कूल ऑफ इकोलॉजी एण्ड इनवॉयरमेंट स्टडीज, स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज फिलॉसफी एंड कम्प्रेटिव रिलिजिएस और स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज एंड लिटरेचर की पढ़ाई हो रही है। इसमें भारत के विभिन्न राज्यों समेत 11 अन्य देशों के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
17 पूर्व एशियाई देशों की भागीदारी वाले अंतरराष्ट्रीय इस संस्था में, BIMSTC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) के तहत आगामी शैक्षणिक सत्र से सेंटर ऑफ बंगाल स्टडीज की शुरुआत होगी। इसके साथ ही गवर्निंग बोर्ड ने विश्वविद्यालयों के आसियान-भारत नेटवर्क के लिए NU को नोडल संस्थान बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।
नया बिल्डिंग में शिफ्ट होगा कैंपस
जुलाई से विश्वविद्यालय अपनी नयी बिल्डिंग में शिफ्ट हो जायेगा। पांच भवन बनकर तैयार हैं। उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से आग्रह किया जाएगा। नया परिसर पटना से लगभग 110 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में, राजगीर के पास 455 एकड़ के विशाल क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है, जिसमें 2,727.1 करोड़ रुपये की धनराशि का उपयोग होगा। नए परिसर में गैर-आवासीय भवनों में दो स्कूल, प्रशासनिक ब्लॉक, संचार केंद्र, अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, एम्फीथिएटर, आर्केड, डाइनिंग हॉल, फैकल्टी क्लब, स्कूल, चिकित्सा केंद्र, खेल केंद्र, वाणिज्यिक बाजार, पोस्ट ऑफिस और बैंक जैसी परिसर सुविधाएं शामिल हैं।