जगतंत्र दिवस के अवसर पर ग्रह मंत्रालय ने इस वर्ष पद्म सम्मान के विजेताओं के नामों की घोषणा की. पद्म पुरस्कार देश में दिए जाने वाले सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है जो किसी व्यक्ति विशेष को किसी भी क्षेत्र में असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किए जाते है. इस साल 4 पद्म विभूषण, 14 पद्म भूषण और 94 पद्म श्री दिए जाएंगे और हर साल की तरह ही इस बार भी बिहार के नायक अपना नाम इस सूची में दर्ज कराने में कामयाब हुए हैं.
किसानो को समर्पित किया पुरस्कार
बीजेपी सांसद हुकुमदेव नारायण यादव इस साल पद्म भूषण से सम्मानित किए जाएंगे. उन्होंने अपना ये पुरस्कार गरीबों और भारत के किसानों को समर्पित करने का ऐलान किया है. हुकुमदेव बिहार के मधुबनी चुनाव क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.
मनोज बाजपेयी को भी मिला सम्मान
बॉलीवुड जगत का बड़ा चेहरा और बिहार के लाल मनोज बाजपेयी को इस वर्ष पद्म श्री सम्मान से नवाज़ा जाएगा. उन्होंने पुरस्कार मिलने कि ख़ुशी जताई एवं जनता और उन सभी को धन्यवाद कहा जिन्होंने उनपर विश्वास किया और उनके करियर में उनका साथ दिया. मनोज बाजपेयी बॉलीवुड में अपनी अदाकारी के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने २५ साल के अपने सफर में सरदार खान (गैंग्स ऑफ़ वास्सेपुर), भीकू महात्रे (सत्या), अलीगढ मूवी में समलैंगिक प्रोफेसर जैसे कई यादगार रोल निभाए हैं. मनोज सरकार द्वारा नेशनल फिल्म अवार्ड से सम्मानित किए जा चुके हैं.
साईकिल चाची हुई पद्म श्री से सम्मानित
94 में से चार पद्म श्री पुरस्कार बिहार के नाम रहे. मुजफ्फरपुर की ‘साइकिल चाची’ आनंदपुर गांव की राजकुमारी देवी को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. शादी के नौ वर्ष तक संतान नहीं होने और पति की बेरोजगारी के कारण उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया गया था. तब उन्होंने साइकिल उठाई और जगह- जगह जा-जाकर अचार व मुरब्बा बेचना शुरू किया और महज डेढ़ सौ रुपये से शुरू किया गया कारोबार बढ़ता गया.
स्वीपर का काम करने से शुरू किया सफर
इस सूची में अगला नाम बिहार विधान सभा की सदस्या भागीरथी देवी का है. अपने शुरुआती दिनों में भागीरथी देवी नरकटियागंज में स्वीपर का काम किया करती थी. उन्होंने बिहार में महिला सशक्तिकरण और दलितों के लिए निस्सवार्थ काम किया है. उन्हें भी पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
मधुबनी कला को मिली पहचान
मिथिला कलाकारी में माहिर और पद्म श्री विजेता गोदावरी दत्ता खुश हैं की सरकार कला और संस्कृति को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा, “मै खुश हूँ कि मुझे इस सम्मान के योग्य समझा गया. पहले मधुबनी पेंटिंग की उतनी ख्याति नहीं थी जितनी अब है.अब ऐसे बहुत से लोग हैं जो मधुबनी की सरहाना करते हैं और इस कला को सीखना चाहते हैं.”
मूसाहार समुदाय के लिए किया काम
रॉ एजेंट रह चुके ज्योति कुमार सिन्हा को भी इस साल पद्म श्री सम्मान के लिए चुना गया है. उन्हें ये पुरस्कार बिहार में शिक्षा को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए दिया जा रहा है. सिन्हा ने 2005 में बिहार में शोषित सेवा संघ की शुरुआत की जिसका मकसद मूसाहार समुदाय के बच्चों को शिक्षा का लाभ पहुँचाना था.