जीत सबको अच्छा लगता है| खासकर वह जीत जिसका इंतज़ार लम्बे समय से हो और वह एतिहासिक जीत आपको अपनों के आँखों के सामने मिले तो उसका महत्व कहीं अधिक होता है| कुछ ऐसा ही भावनात्मक खुशी का पल कल बिहार क्रिकेट के लिए था|
बिहार की रणजी टीम ने अपनी ही धरती पर 42 वर्षों बाद जीत का स्वाद चखा है. मोइनुल हक स्टेडियम में बिहार ने सिक्किम को 395 रनों से हराया| इससे पहले वर्ष 1976 में तत्कालीन उड़ीसा के खिलाफ खेलते हुए जीत दर्ज की थी|
पहले बल्लेबाजी करते हुए बिहार की टीम ने आशुतोष अमन (89) और विवेक कुमार (72) की अर्धशतकीय पारियों की बदौलत पहली पारी में 288 रन बनाए थे. जवाब में सिक्किम की टीम सिर्फ 88 रन पर ही सिमट गई. बल्लेबाजी के बाद आशुतोष अमन ने गेंदबाजी में भी जौहर बिखेरा और 5 विकेट दर्ज किए.
200 रन की विशाल बढ़त दर्ज करने के बाद बिहार ने दूसरी पारी में भी 7 विकेट पर 296 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया| इंद्रजीत कुमार (30), रजनीश कुमार (25), रहमतुल्लाह (66), केशव कुमार (36), उत्कर्ष भास्कर (59) और विकास रंजन (55) ने उपयोगी पारियां खेली जबकि पहली पारी के अर्धशतकवीर खिलाड़ियों आशुतोष अमन और विवेक कुमार क्रमशः 17 और 5 रन पर नाबाद रहे| इस तरह बिहार ने सिक्किम के लिए 497 रनों का लगभग असंभव लक्ष्य दिया|
जवाब में सिक्किम की टीम सिर्फ 108 रन पर ही सिमट गई| सिक्किम की तरफ से अनुभवी खिलाड़ी विपुल शर्मा (32) ही कुछ संघर्ष कर सकें. आशुतोष अमन ने एक बार फिर धारदार गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट लिए और शीर्ष क्रम को झकझोर कर रख दिया| इस बार अमन का साथ समर कादरी ने भी खूब दिया और 4 विकेट लिए| बिहार की इस जीत की सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने अपने घरेलू मैदान मोइन उल हक स्टेडियम में यह जीत दर्ज की|
ज्ञात हो कि बिहार ने इस साल विजय हजारे ट्रॉफी में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था|