अमित शाह का कुशवाहा को ऑफर, खीर बनाइये मगर गुजरात के दूध से
कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में खीर पकाने का बयान देकर बिहार के राजनीति में हलचल मचा देने वाले रालोसपा सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा खीर अभी तक पाक नहीं पाया है| उन्होंने कहा था, ”यदुवंशियों (यादव समाज) का दूध और कुशवंशी (कुशवाहा समाज) के चावल मिल जाएं तो खीर बनने में कोई दिक्कत नहीं होगी|” मीडिया ने इस बयान को उपेन्द्र कुशवाहा का महागठबंधन के प्रति झुकाव के तौर पर देखा था|
इस बयान को दिए कई सप्ताह बीत चुके हैं मगर अभी तक कुशवाहा का खीर किसके दूध से बनेगा, वह अभी तक तय नही हो पाया है| पिछले कुछ दिनों से एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी सभी सहयोगी पार्टियों से चर्चा कर रही है, मगर मीडिया में आ रही ख़बरों के अनुसार रालोसपा को इस बात-चीत से दूर रखा गया था| कहा जा रहा है कि बीजेपी अब यह मान कर चल रही है की देर-सबेर कुशवाहा महागठबंधन में सामिल हो जायेंगे|
मगर बुधवार को रालोसपा बीजेपी के तरफ से राहत भरी खबर आई| बुधवार को मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कुशवाहा को भरोसा दिया कि सीटों के बंटवारे में उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा। इस संदर्भ में मीडिया में आनेवाली खबरों को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। सूत्रों ने बताया कि कुशवाहा और अमित शाह के बीच भी इस मसले पर बातचीत हुई है।
मालूम हो कि कुशवाहा अपने राजनीतिक रुख को लेकर जब तब चर्चा में आ जाते हैं। उनके समर्थक भी असमंजस की स्थिति में हैं। समर्थकों की चिन्ता इस बात को लेकर है कि एनडीए के घटक दलों के बीच मीडिया में जब कभी लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे की चर्चा होती है, कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का जिक्र नहीं रहता है।
सूत्रों की माने तो कुशवाहा कम से कम लोकसभा चुनाव में एनडीए का हिस्सा ही रहना चाहते हैं| इसका एक प्रमुख कारण बताया जा रहा है कि उनके संसदीय क्षेत्र काराकाट की सामाजिक संरचना महागठबंधन के लिए मुफीद नहीं है। सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी पर दवाब बनाने के लिए कुशवाहा बीच-बीच में ऐसी बयानबाज़ी करते रहते हैं| एनडीए के अन्दर से आ रही ख़बरों के अनुसार उपेन्द्र कुशवाहा को अमित शाह ने खुला ऑफर दिया है कि आप खीर बनाइए। बस, दूध हमसे लीजिए। शाह गुजरात के हैं। दूध के उत्पादन में यह राज्य बहुत पहले से अव्वल है।