देश में मात्र दो जगह आधी रात को तिरंगा फहराया जाता है| एक वाघा बॉर्डर पर और दूसरा बिहार के पूर्णिया में| आज से 71 साल पहले, आजादी की पहली सुबह से जो परंपरा शुरू हुई थी वह आज भी जारी है|
दरअसल,14 अगस्त 1947 की आधी रात को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लालकिले पर झंडा फहराया था| ठीक उसी समय पूर्णिया के भट्ठा बाजार के चौक पर लोग रेडियो पर समारोह का प्रसारण सुन रहे थे| स्वत्रंता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह भी वहीं मौजूद थे उन्होंने उसी समय तिरंगा फहराया था|
आजादी के साल 1947 से लगातार हर साल पूर्णिया के भट्ठा बाजार स्थित झंडा चौक पर रात के 12 बजकर 01 मिनट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है| हर साल की तरह इस साल भी पूर्णिया के सामाजिक कार्यकर्ता विपुल सिंह ने झंडा चौक पर तिरंगा फहराया। इस मौके पर कई जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और सदर विधायक विजय खेमका ने झंडे को सलामी दी।
इस पर सदर विधायक विजय खेमका ने कहा कि यह पूर्णिया ही नहीं, बल्कि बिहार के लिये गौरव की बात है| पूरे देश में आज भी वाघा सीमा के बाद पूर्णिया के झंडा चौक पर मध्य रात्रि को सबसे पहले झंडोत्तोलन किया जाता है| मध्य रात्रि में झंडोत्तोलन स्वाधीनता संग्राम के दिवानों की याद दिलाती है|
जानकारी हो कि पूर्णिया शहर के कई गणमान्य लोग 14 अगस्त रात 12:00 बजे झंडा चौक पर झंडोत्तोलन के वक्त मौजूद रहते हैं। अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक ने बताया कि यह परंपरा 71 सालों से चल रहा है। इस बार भी धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। उन्होंने बताया कि देश का पहला झंडा पूर्णिया में फहराया जाता है। इसके बाद 15 अगस्त की सुबह दिल्ली सहित पूरे भारत में झंडा फहराया जाता है।