केरल में छा गया बिहार का यह कन्हैया, मात्र 26 सेकंड में बच्चे की बचाई जान
भारी बारिस के कारण केरल राज्य बाढ़ के तबाही से जूझ रहा है| कई जिलों में पानी घुस चुका है| राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी है| अभी तक बाढ़ के कारण 37 लोगों के मौत की खबर आ चुकी है| इस सब माहौल के बीच एक अच्छी खबर केरल में तेजी से फ़ैल रही है| बिहार का कन्हैया केरल में हीरो बना हुआ है|
दरअसल, इस वक्त केरल के उन सभी जिलों में जो बाढ़ के कहर से जूझ रहे हैं एनडीआरएफ की टीमें और रेस्क्यू अधिकारी राहत और बचाव का काम करने में जुटे हुए हैं। एनडीआरएफ की टीमें अपनी जान पर खेलकर लोगों को बाढ़ के कहर से बचा रही हैं। मगर एनडीआरएफ की टीम में सबसे ज्यादा बिहार के कन्हैया कुमार की तारीफ हो रही है|
एनडीआरएफ़ (नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट फ़ोर्स) के सदस्य कन्हैया कुमार इस आपदा की घड़ी में केरल में जाने-माने चेहरा बन गए हैं|
जब केरल के इदुक्की ज़िले की पेरियार नदी में भीषण बाढ़ आई तो उसी वक़्त नदी के तट के पास एक पिता गोद में अपनी नवजात को लिए मदद की आस में खड़े थे|
कन्हैया कुमार एनडीआरएफ़ में एक सिपाही हैं और वो उस पिता की गोद में नवजात को देखते ही दौड़ पड़े| कन्हैया ने उस नवजात को उनकी गोद से लेने में जरा भी देरी नहीं की|
वो उस नवजात को लेकर एक पुल की तरफ़ भागे| कन्हैया के पीछे-पीछे उस नवजात का पिता और बाक़ी लोग भी भागने लगे| ऐसा करने के लिए कन्हैया के पास बहुत वक़्त नहीं था, लेकिन उन्होंने कर दिखाया|
कन्हैया ने बच्चे को निकाला ही था कि पुल बाढ़ के पानी में बह गया| पल भर में ही लगा कि वहां कोई पुल था ही नहीं और नदी समंदर की तरह दिखने लगी| इदुक्की में एनडीआरएफ़ के अधिकारियों का कहना है कि कन्हैया ने नवजात को सुरक्षित निकालने में महज 26 सेकंड का वक़्त लिया|
अपने बच्चे को सुरक्षित निकाले जाने पर पिता के चेहरे पर ख़ुशी और आंसू एक साथ दिख रहे थे|
बिहार के हैं कन्हैया कुमार
केरल के सोशल मीडिया के सनसनी कैन्हैया कुमार बिहार के हैं| गरीब परिवार और छोटे भाई-बहन की जिम्मेदारी होने के कारण कन्हैया ने स्कूल ख़त्म होते ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी| 6 महीने से वह एनडीआरएफ़ में कार्यत है|
मीडिया से बात करते हुए कन्हैया ने कहा कि ”मैंने सरकारी नौकरी परिवार की मदद के लिए हासिल की| मेरे दो और भाई सेना में हैं| एक कश्मीर में है| हम लोगों की मुलाक़ात बड़ी मुश्किल से होती है|
हमारे माता-पिता को अपने बेटे के काम पर गर्व है| केरल में जो भी बाढ़ की त्रासदी से प्रभावित हैं वो सारे मेरे परिवार हैं|”
केरल में बाढ़ की आपदा और राहत बचाव पर कन्हैया कुमार ने कहा, ”हमलोगों को पता था कि हम केरल में बाढ़ में फँसे लोगों को निकालने जा रहे हैं| जब हम यहां पहुंचे तो ऐसा लगा कि जो सोचकर आए थे उससे ज़्यादा करने की ज़रूरत है|”
बिहार को अपने कन्हैया के इस साहसिक कारनामे पर गर्व है| बिहार से भारी संख्या में लोग सरकारी नौकरी में हैं और देश सेवा में कार्यत हैं| राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र सेवा में बिहारी युवा हरदम आगे रहते हैं| कन्हैया जैसे युवा देश भर में राज्य का नाम रौशन करते हैं|