बिहार का यह लाल बॉलीवुड में बतौर एडिटर मनवा चुका है अपना लौहा
बॉलीवुड में बतौर एडिटर, संवाद और कहानी लेखक के रूप में अपने को स्थापित कर चूके ‘रंजीत बहादुर’ ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई बिहार के नवादा में रह कर की। फिर राष्ट्रीय छात्रवृत्ति के ज़रिए राजस्थान के पिलानी से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। तत्पश्चात दिल्ली के हंसराज कॉलेज से भौतिकी में स्नातक किया।
पर मन और झुकान तो कहीं और था। नौ से छः की नौकरी छोड़ कलकता में सत्यजीत रे फ़िल्म एवं टेलीवीजन संस्थान में फ़िल्म मेकिंग में दाख़िला ले लिया।
करीना कपूर अभिनीत हिंदी फ़िल्म ‘चमेली’ से अपने एडिटिंग करियर की शुरूआत करते हुए रंजीत ने एक लम्बा सफ़र तय किया है। राजकुमार हिरानी की सुपर हिट फ़िल्म ‘थ्री इडियट्स’ में को-एडिटर व संवाद पर्यवेक्षक से ले कर, रजनीकांत की चर्चित फ़िल्म ‘काला’ में संवाद लेखन तक। इस दौरान हॉलीवुड टीवी सीरियल ‘मुंबई कॉलिंग’ में एडिटिंग और फ़िल्म ‘फ़रारी की सवारी’ में एसोसिएट संवाद लेखक के रूप में भी काम किया।
समय-समय पर FTII और SRFTI में छात्रों के लिए फ़िल्म एडिटिंग पर वर्क्शाप भी आयोजित करते रहते हैं। पिछले वर्ष गोल्डी बहल निर्मित ऐतिहासिक कल्पित टीवी सीरियल ‘आरम्भ’ में बतौर क्रीएटिव निर्देशक अपना योगदान दिया।
पत्नी ‘चंचला बहादुर’ और बेटे ‘प्रणव’ के साथ अब मुंबई के अंधेरी में रहना होता है। फ़िलहाल आशुतोष गोवारिकर की अगली फ़िल्म ‘पानीपत’ के लिए स्क्रिप्ट लिखने में व्यस्त हैं।
15 जुलाई 2018 को आयोजित हो रहे 9 वें संस्करण में 51 सामूहिक विवाह के दौरान श्री कृष्णा मेमोरियल हॉल में बिहार के पांच खास शखसियतों को जिन्होंने अपने काम से देश और दुनिया में बिहार का परचम फहराया है, उन्हें सम्मानित किया किया जा रहा है जिनमे उनका भी नाम है।
– प्रकाश शर्मा (बिहारी जर्मन)