एक बार फिर बिहार के दरभंगा शहर से हवाई सेवा शुरु होने की उम्मीद बढ़ गई है। विमानन कंपनियों द्वारा रूची दिखाने के बाद केंद्र सरकार ने भी दरभंगा हवाई अड्डे से वायु सेवा बहाल करने की कवायद तेज कर दी है।
शुक्रवार को एयरपोर्ट पर हवाई सेवा की शुरुआत के लिए एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया और डीजीसीए की चार सदस्यीय टीम ने दरभंगा एयरफोर्स के कमांडेंट के साथ जायजा लेकर बैठक करते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार की है जिसे वह जल्द ही सरकार को सौंपेगी। इसके तहत दरभंगा एयरपोर्ट के विकास लिए सौ करोड़ रुपये केंद्र सरकार खर्च करेगी।
एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) की ओर से हाल ही में आरसीएस या उड़ान योजना के लिए जो 141 रूट की सूची जारी की है, उसमें दरभंगा से दिल्ली और बैंगलोर रूटेें भी शामिल है। रूट का चयन विमानन कंपनियों की ओर से डाले गये शुरुआती प्रस्ताव के आधार पर किया गया है। हालांकि, दरभंगा एयरपोर्ट से जिन दो रूटों में हवाई सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है, वे गैर आरसीएस योजना के तहत आयेंगे। इस योजना में अधिकतम एक घंटे तक की उड़ान सेवाओं को शामिल किया जाना है।
दरभंगा स्थित हवाई अड्डे को सिविल इन्क्लेव के तौर पर तैयार करने की कवायद भी शुरू हो गई है। वहीं, बिजली पानी की व्यवस्था को दुरुस्त करने पर टीम ने गहन विचार विमर्श किया। मुख्यद्वार को तत्काल चालू रखने पर टीम ने सहमति जताई है लेकिन प्रदेश सरकार को भूमि अधिग्रहण के लिए भी रिपोर्ट भेजने की बात सामने आई है।
टीम के सदस्यों में इंजीनियरिंग सिविल पटना एयरपोर्ट के उप महाप्रबंधक नागेंद्र कुमार चौधरी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर पटना एयरपोर्ट के एजीएम यूके राय, एजीएम संतोष कुमार कोलकाता एयरपोर्ट से एके मंडल के साथ ही स्थानीय दरभंगा एयरपोर्ट के स्टेशन कमांडर कैप्टन दीपक नेरकर ने निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट मुख्यालय भेजने की प्रक्रिया शुरू की है। इसमें रनवे को और बेहतर करने की कवायद के बीच इसकी लंबाई बढ़ाने पर भी विचार किया गया। तत्काल रनवे को ही उपयोग करने पर ही सहमति बनी है। यात्रियों के आने जाने ठहरने के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी जा रही है। यात्री सुविधा के लिए तत्काल एयरफोर्स के ही टर्मिनल को उपयोग में लाया जाएगा। भूमि अधिग्रहण के साथ यात्रियों को प्लेन तक लाने-ले-जाने के लिए बस की सुविधा भी बहाल होगी।