बहुत हुई जनता पर पेट्रोल-डीजल की मार, अबकी बार मोदी सरकार!
पेट्रोल और डीजल के दामों से जनता परेशान हैं। पेट्रोल और डीजल के दाम साल 2014 के बाद सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँच चुकी है।जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार मे कच्ची तेल की कीमत अब तीन साल पहले के मुकाबले आधी रह गयी है। लेकिन इसका फायदा आम जनता को नही मिल पा रहा है।
जुलाइ से पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इस समय पेट्रोल की दर तीन साल के अपने उच्च स्तर पर है। पेट्रोल की कीमतों ने प्रतिदिन मामूली संशोधन होता है। आये दिन बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दामों से आम जनता का सभी तरह से दोहन हो रहा है। जहाँ निजी वाहन वाले परेशान हैं, वहीँ बस ऑटो से सफर करने वाले लोग अतिरिक्त भारा देने को मजबूर हैं। पेट्रोल और डीजल के बेतहाशा बढ़ रहे दामों के पीछे असली वज़ह सरकार द्वारा इनपर एक्साईज ड्यूटी का कई गुना बढ़ जाना बताया जा रहा है। आपको याद होगा केंद्र की मौजूदा सरकार मे प्रधानमंत्री श्री नरेँद्र मोदी जी की 1 फरवरी 2015 की रैली का भाषण जिसमे उन्होने कहा था ”क्या पेट्रोल डीजल के दाम कम नहीं हुए, आपके जेब में पैसे बचने लगे हैं की नहीं..अब विरोधी कहते हैं कि मोदी नसीब वाला है, तो अगर मोदी का नसीब जनता के काम आता है तो इससे बढिया नसीब की क्या बात हो सकती है|….आपको नसीब वाला चहिये या बदनसीब ?..”
यह भाषण उन्होने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली को सम्बोधित करते हुए कहा था।
दरअसल इससे पहले नरेंद्र मोदी ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव मे पेट्रोल और डीजल के कीमतों को मुद्दा बनाया था और पिछली यानी यूपीए सरकार को जमकर घेरा था। नरेद्र मोदी के शपथ के दौरान दिल्ली मे पेट्रोल 71.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 56.71 रुपये प्रति लीटर थी। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार मे कच्चे तेल के दाम घटने लगे, जिससे पेट्रोल और डीजल के कीमतों मे भी गिरावट हुई। फरवरी 2015 जब मोदी रैली कर रहे थे तब पेट्रोल की कीमत 58.91 रुपये और डीजल 48.26 रुपये लीटर थी। आज की बात करे तो कच्चा तेल 2015 के मुकाबले आधे हो गये हैं। लेकिन पेट्रोल डीजल के दाम घटने के बजाये बढ़ने लगे हैं। इसके पीछे की असली वज़ह सरकार के द्वारा बढाये गये एक्साईज ड्यूटी है। मौजूदा सरकार ने एक्साईज ड्यूटी पर भारी बढोतरी की है। पेट्रोल पर एक्साईज ड्यूटी 10 रुपये से बढाकर 22 रुपये कर दिया गया है। आम जनता के परेशानी को देखते हुए सरकार को हुए सरकार को अविलंब इसपर विचार करने की ज़रूरत है। चाहे जिस किसी भी ढंग से हो, पेट्रोल और डीजल के कीमतों मे कटौती की ज़रूरत है।