बिहार में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी(आईटी)एवं इससे जुड़ी सेवाओं का विस्तार करने के उद्देश्य आज इस क्षेत्र की स्थापित होने वाली नई इकाइयों को उत्पादन शुरू करने की तिथि से अगले पांच वर्ष तक राज्य वस्तु एवं सेवा कर(एसजीएसटी)में शत-प्रतिशत छूट देने की घोषणा की। इसका फायदा उन्हीं कंपनियों को मिल सकेगा, जिन्होंने कम-से-कम पांच करोड़ का निवेश और 50 से अधिक व्यक्ति कोर एक्टिविटी में लगाये होंगे| रियायत पाने वाली इन कंपनियों को तीन साल के अंदर निवेश का काम पूरा कर लेना होगा|
इसके साथ ही बिहार में निवेश करने वाली आईटी कंपनियों को अब उत्पादन से पहले ही स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन शुल्क और कृषि की जमीन को उद्योग में बदलने के लिए लगने वाले शुल्क में सौ फीसदी छूट दी जायेगी| वहीं, बैंक से लोन लेने पर स्वीकृत परियोजना लागत का 30% की जगह 50%ब्याज अनुदान दिया जायेगा| साथ ही अधिकतम 10 करोड़ के अनुदान को बढ़ा कर 20 करोड़ कर दिया गया है|
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशक सिर्फ विकसित प्रदेशों में ही निवेश करते हैं और अरबों रुपये लगाते हैं| बिहार में कितनी भी सुविधाएं दे दें, फिर भी यहां नहीं आना चाहते हैं| निवेशक बिहार में पहले करोड़ ही लगाये, जब फायदा हो, तो और लगे कि उचित जगह है, तो और राशि लगाये| दूसरी जगहों की तुलना में बिहार में ज्यादा मेहनती और विश्वसनीय लोग मिलेंगे| यहां उद्योग लगाने में कई परेशानी या असुविधा नहीं होगी| हर तरह की सुविधा और संरक्षण दिया जायेगा| मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी सेक्टर में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उद्योग बिहार में लगाया जा सकता है| इसकी बड़ी गुंजाइश है| बिहार में संभावना है और नयी पीढ़ी में इसकी दिलचस्पी भी है| राजगीर में नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के नये कैंपस के पास 100 एकड़ जमीन पर आईटी सिटी का निर्माण होना है| वहीं, बिहटा में आईटी पार्क और पटना में आईटी टावर के निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध करायी गयी है|
नीतीश कुमार ने कहा कि आईटी क्षेत्र की सेवाओं में नियोजित सामान्य कर्मियों को 50 प्रतिशत और एससी-एसटी व महिला कर्मियों को 100 प्रतिशत ईएसआई व ईपीएफ का अनुदान पांच सालों तक दिया जायेगा| इसकी अधिकतम सीमा महिला कर्मियों के लिए 1000 रुपये और सामान्य के लिए 500 रुपये होगा| अनुदान का लाभ उन्हीं कर्मियों को दिया जायेगा, जो बिहार के मूल निवासी होंगे| ऐसे संस्थानों को कौशल विकास अनुदान भी दिया जायेगा| आईटी उद्योग के लिए प्रति व्यक्ति 20 हजार रुपये या बीएसडीएम की दर जो कम हो, अनुदान के रूप में दिया जायेगा| यह अनुदान वैसे प्रशिक्षित कर्मियों को दिया जायेगा, जो बिहार के निवासी हों| साथ ही इन्हें कंपनी की ओर से कम-से-कम एक साल के लिए रखा जाना जरूरी हो|
बिहार से शून्य ही नहीं मिलता तो टेक्नोलॉजी कहां होती?
सीएम ने कहा कि बिहार ज्ञान की भूमि रही है| अभी हम टेक्नोलॉजी की बात कर रहे हैं, लेकिन अगर बिहार से आर्यभट ने शून्य का अविष्कार ही नहीं किया होता, तो टेक्नोलॉजी कहां रहती| बिहार में ही नालंदा विवि, विक्रमशिला विवि, तेलहाड़ा विवि थे| भगवान बुद्ध को यहीं ज्ञान मिला| भगवान महावीर का जन्म, ज्ञान व निर्वाण यहीं हुआ| चाणक्य ने अर्थशास्त्र की यहीं रचना की| बिहार का अपना एक विशिष्ट स्थान है| बिहार फिर से उसे प्राप्त करेगा|
रविशंकर प्रसाद बोले, पटना में स्थापित होगा डिजिटल फोरेंसिक रिसर्च सेंटर
बिहार में साइबर सुरक्षा के लिए डिजिटल फोरेंसिक रिसर्च सेंटर स्थापित होगा| इसमें डिजिटल फोरेंसिक, डिजिटल पुलिसिंग और साइबर सिक्यूरिटी की ट्रेनिंग दी जायेगी| आईआईटी, पटना या एनआईटी इसके नॉलेज पार्टनर होंगे| यह घोषणा केंद्रीय सूचना व प्रावैधिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने की| उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार से जमीन की मांग की| बिहार आईटी एंड आईटीइएस इन्वेस्टर कॉनक्लेव 2017 में उन्होंने पटना में सेंटर फोर एडवांस कंप्यूटरिंग सेंटर बनाने की भी घोषणा के साथ ही आईटी कंपनियों से बिहार में निवेश की अपील की| उन्होंने कहा, निवेशकों का कहना है कि उनके केंद्रीय मंत्री बनने के बाद 95 मोबाइल कंपनियां देश में आ गयी हैं| निवेशक बिहार में भी एक मोबाइल की फैक्टरी लाएं| इसके लिए बिहार सरकार पूरा सहयोग देगी और केंद्र की भी पूरी मदद मिलेगी| निवेशकों को लगता है कि उन्हें हमारा सहयोग मिलता है, तो मेरे प्रदेश की भी चिंता करें| मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री यहां सक्रिय रहेंगे और दिल्ली में केंद्र सरकार सक्रिय रहेगी| केंद्रीय मंत्री ने बिहार सरकार से जीविका बहनों को डिजीटली लिटरेट करने का भी प्रस्ताव दिया है| उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए एमओयू करे, ताकि इस पर काम शुरू किया जा सके| केंद्र सरकार छह करोड़ महिलाओं को डिजिटली साक्षर बनाना चाहती है| इसमें बिहार में 66 लाख का टारगेट है| उन्होंने कहा कि पटना के साथ-साथ भागलपुर और दरभंगा में भी कॉमन सेंटर चलेगा| इसके माध्यम से भी लोगों को डिजिटली साक्षर किया जायेगा| रविशंकर प्रसाद ने राज्य सरकार के शिक्षण संस्थानों के बाद अब गांवों तक वाई-फाई पहुंचाने के लिए कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया| उन्होंने कहा कि गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा रहा है| इसमें 2.50 लाख गांवों को ब्रॉड बैंड से जोड़ा जा रहा है. 2011 से 26 मई, 2014 तक सिर्फ 358 किमी ही ऑप्टिकल फाइबर बिछा था, जबकि केंद्र में नयी सरकार बनने के बाद से अब तक 2.10 लाख किमी ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा चुका है| बिहार में पहले चरण में 4720 ग्राम पंचायतों में से 1255 में यह बिछाया जा चुका है|