माननीय प्रधानमंत्री
भारत सरकार
श्री नरेंद्र मोदी जी,
जैसा कि आप जानते ही हैं, बिहार हर साल की भांति इस साल भी प्रलयकारी बाढ़ की चपेट में है, आपने कुछ दिन पहले ही बिहार का दौरा भी किया और इस विनाशकारी बाढ़ को प्रत्यक्ष आँखो से देखा, समझा और 500 करोड़ की तत्काल सहायता भी प्रदान की। पूरे बिहार की तरफ से आपका धन्यवाद करता हूँ! मगर क्या इंसान की जान की कीमत की भरपाई हर साल सिर्फ़ राहत और बचाव कार्य से की जा सकती है?
कुछ दिन पहले ही हम सब लोगों ने आज़ादी की 70वीं वर्षगाठ मनाया है। आज़ादी के वक़्त जो देश के सामने बुनियादी परेशानियाँ थीं, उनमें से कुछ आज भी जस की तस हैं। उनमें से एक है बिहार में हर साल आती प्रलयकारी बाढ़। हर बिहारी के जीवन का एक बड़ा हिस्सा प्रलयकारी बाढ़ से जूझने में निकल जाता है। हर साल 1 से 2 महीने हम सब अपने घरों, गांवों में कैद हो जाते हैं और चारो तरफ का इलाका जलमग्न रहता है। बाढ़ से सड़कें दिखाई देनी बंद हो जाती हैं, बस-रेल सेवा ठप हो जाती है और बिहार के हज़ारों गांव देश दुनिया से कट जाते हैं।
हर साल की भांति इस साल भी हर बिहारी बाढ़ से कराह रहा है और हज़ारो गाँवों में बाढ़ से पीड़ित लोग मदद की आस लगाए बैठे हैं। हर एक बिहारी चाहे बिहार में हो या बिहार के बाहर, बाढ़ के दर्द से व्यथित है। उससे जितना हो पा रहा है वो मदद और राहत कार्य करने में लगा है। कोई अनाज भेज रहा है, कोई दवाई और जो चाह के भी कुछ नहीं कर पा रहे है वो किसी संस्था/संग़ठन के माध्यम से राहत कार्य के लिएे पैसे दान दे रहे हैं। हर वर्ष की भांति सभी सरकारें भी राहतकार्यों में लगी हैं, पर क्या हर साल आती इस बाढ़ को सिर्फ राहत कार्यो तक सीमित रखना चाहिए? क्या बड़ा सवाल ये नहीं है कि आज़ादी के सत्तर सालों बाद भी हम इस बाढ़ का स्थाई समाधान क्यों नहीं निकाल पायें?
आप तो भली भांति परिचित ही होंगे, बिहार का बाढ़ एक मानव निर्मित प्रलय है ।
70 सालों से ये बाढ़ हर साल सैंकड़ों, हज़ारो लोगों की जान ले लेती है, लाखों लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ता है, चारो तरफ भुखमरी फ़ैल जाती है, जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है, करोड़ों का नुकसान हो जाता है। यूँ कहें तो बिहार बाढ़ के समय ठहर जाता है।
इंसान की जान की कीमत की भरपाई क्या हर बार सिर्फ़ राहत कार्य से की जा सकती है? ऐसी कोशिश क्यों नहीं की जाती जिससे अगले बरस फिर से सैकड़ो लोग ना मरें?
सालों बाद बिहार राज्य और केंद्र में एक ही गठबंधन की सरकार है। पूरे बिहार के लोगों को आपसे बहुत उम्मीदें हैं कि आप बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए कड़े कदम उठाएंगे।
एक आशावान बिहारी
Cc to :
श्री नितीश कुमार – मुख्यमंत्री – बिहार
श्री नितिन गडकरी – जल संसाधन एव नदी विकास मंत्री – भारत सरकार